शनिवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही नवगछिया सहित पूरे बिहार में छठ पर्व का समापन हो गया । इस दौरान लाखों लोगों ने विशेषकर महिलाओं ने ठंड की परवाह किए बगैर नदियों में डुबकी लगाई और उगते हुए सूर्य की प्रार्थना की।
इस साल प्रशासन द्वारा छठ पर्व को लेकर किए गए सुरक्षा के बेहतर इंतजाम की वजह से दुर्घटनाएं कम ही देखने को मिली, बाकी त्योहार शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया। भागलपुर जिला प्रशासन के आदेश के तहत नवगछिया पुलिस जिला क्षेत्र में भी विभिन्न घाटों पर सुरक्षात्मक उपाय किए जाने के दावे किए गए हैं। जगह जगह दंडाधिकारी के साथ पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की गयी थी।
नवगछिया पुलिस जिला क्षेत्र में जहां अधिकांश श्रद्धालुओं ने गंगा और कोसी नदियों के किनारे भगवान भाष्कर को अर्घ्य अर्पित किया। वहीं नवगछिया नगर के अधिकांश लोगों ने अपने अपने छतों पर कृत्रिम घाट रूपी कुंड बनाकर श्रद्धा पूर्वक भगवान भाष्कर को अर्घ्य अर्पित किया। इस दौरान नवगछिया के मिलकी घाट, नगर पंचायत घाट, तथा गौशाला पोखर, रेलवे पोखर में भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने छट पूजा की और अर्घ्य दिया। चेती दुर्गा स्थान, बड़ी घाट ठाकुरबाड़ी, खादी भंडार, नया टोला इत्यादि जगहों पर भी कृत्रिम घाट बनाए गए थे।
इस त्योहार पर सूर्य की पूजा की जाती है और सूर्य देव को फल, घर पर बनाए गए ठेकुआ, पेड़ा, पकवान, चावल के लड्डू, कच्ची सब्जियां और मौसम की पहली फसल चढ़ाई जाती है। सभी मीठे पकवान और फल-सब्जियां बांस की बनी टोकरी और सूप में चढ़ाए जाते हैं। सूर्य ऊर्जा और जीवनी शक्ति के देवता माने जाते हैं और छठ के दौरान इनकी पूजा उन्नति, बेहतरी और प्रगति के लिए की जाती है। श्रद्धालुओं ने शुक्रवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया था।
अधिकारियों के मुताबिक, पटना और पड़ोसी जिलों में भगवान सूर्य की अराधना के लिए शुक्रवार शाम और शनिवार सुबह दो लाख से अधिक श्रद्धालु गंगा और पुनपुन नदियों के तट पर जमा हुए। गया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, पूर्णिया और अन्य जिलों में भी भारी भीड़ उमड़ी।
छठ पूजा की शुरुआत बुधवार को 'नहाय खाय' के साथ हुई थी, जिस दौरान व्रतियों ने नदियों में स्नान किया था। इसके अगले दिन गुरुवार को 'खरना' संपन्न हुआ, इस दिन घरों में मीठे पकवान बना कर रिश्तेदारों और मित्रों में बांटे जाते हैं। कभी यह त्योहार बिहार तक ही सीमित था, लेकिन अन्य राज्यों में यहां के लोगों की बढ़ती तादाद की वजह से यह दूसरे राज्यों में भी तेजी से लोकप्रिय हुआ है। छठ पूजा का आयोजन कोलकाता, दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे बड़े शहरों में भी होता है।