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मंदिर जैसी है 22 गज की पिच जिसने मुझे सब कुछ दिया - सचिन


क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर क्रिकेट से संन्यास लेने और भारत रत्न चुने जाने के बाद पहली बार आज (रविवार को) मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहाः-

* मेरे ख्याल में कोच अच्छा होना चाहिए, देसी या विदेशी से फर्क नहीं पड़ता
* वर्ल्ड कप के लिए मैंने 22 साल इंतजार किया
* एक हद तक ही आलोचकों की परवाह करता हूं
* भुवनेश्वर जैसे नए खिलाड़ियों के साथ खेलना भी बहुत अच्छा रहा
* वर्ल्ड कप जीतना मेरा सपना था
* 2003 वर्ल्ड कप में फाइनल में हारना दुखद
* अर्जुन का भविष्य भगवान तय करेंगे
* अर्जुन से उम्मीद रखना अभी सही नहीं
* मैं अर्जुन पर डबाव नहीं डालना चाहता
* अर्जुन ने अपनी पसंद से क्रिकेट खेल को चुना
* मुझे लगा कि मेरी मां बहुत देर तक नहीं बैठ सकती है
* मेरी मां ने शुरू से लेकर आखिर तक मैच देखा
* मेरी मां कल मुझे भगवान को प्रसाद चढ़ाने को कहा
* मेरे परिवार के लिए मेरा रन बनाना अहम नहीं था
* जिन खिलाड़ियों ने देश के लिए खेला उनके लिए भारत रत्न समर्पित
* मुझे भारत रत्न मिलने से खिलाड़ियों के लिए दरवाजा खुला
* ओल्ड ट्रैफर्ड में पहला शतक यादगार लम्हा 
* आज की सुबह सुकून भरी थी
* मैंने आज सुबह अंजलि के साथ नाश्ता किया, मैंने आज खुद चाय बनाई
* अजित भावुक था लेकिन जता नहीं रहा था
* मैं अजित के लिए भी खेल रहा था
* गाने सुनना मेरा जुनून है
* चोट से उबरने की चुनौती आसान नहीं थी
* कल सर ने पहली बार मुझे वेल डन कहा
* अचरेकर सर से रिश्ते को शब्दों में बयां नहीं कर सकता
* रिटायमेंट के वक्त मेरा परिवार भी भावुक था
* कल अहसास हुआ का अब मैं पिच पर वापस नहीं जाउंगा
* कल पिच छोड़ते हुए बहुत भावुक हो गया था
* 22 गज की पिच ने मुझे सब कुछ दिया
* 22 गज की पिच मेरे लिए मंदिर जैसी
* अब में युवा क्रिकेटरों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताउंगा
* वैज्ञानिक सीएनआर राव के साथ भारत रत्न मिलना बड़ा सम्मान
* भारत रत्न सिर्फ मां ही नहीं पूरे देश को समर्पित
* देश की हर मां को मेरा भारत रत्न समर्पित 
* भारत रत्न मेरी मां को समर्पित 
* मेरा दिल हमेशा भारत के लिए खेलेगा
* मैं अपनी मां को सरप्राइज देना चाहता था इसलिए मुंबई में टेस्ट आयोजित करने को कहा था
* संन्यास के बाद भरोसा ही नहीं हुआ कि क्रिकेट छोड़ रहा हूं
* मुझे लगा कि अब क्रिकेट छोड़ने का वक्त आ गया है
* मेरा शरीर अब साथ नहीं दे रहा था
* पूरे सफर में परिवार का साथ मिला
* 24 साल तक परिवार का साथ मिला
* संन्यास के बारे में काफी सालों से सवाल उठ रहे थे
* 24 साल देश के लिए खेला सबसे अहम
* प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्नी अंजली के साथ पहुंचे सचिन