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जैसे सड़क को ठीक किया वैसे ही सुधार देंगे बिजली को : नीतीश


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि जैसे उन्होंने बिहार में सड़क को ठीक किया वैसे ही बिजली को सुधार देंगे। इस पर काम आगे बढ़ चुका है। उन्होंने आज फिर दोहराया कि वह थेथर नहीं हैं। एक बार जब यह कह दिया कि 2015 तक बिहार में बिजली की स्थिति ठीक नहीं हुई तो वोट मांगने नहीं जाएंगे तो फिर इस पर आज भी अडिग हैं। अगले पांच वर्षो के भीतर केंद्र से मिलने वाली बारह हजार करोड़ की विशेष सहायता में से 9200 करोड़ अकेले बिजली क्षेत्र में खर्च होंगे। राजधानी के करबिगहिया में 201.94 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित करबिगहिया ग्रिड सब स्टेशन, मिनी ग्रिड सब स्टेशन, एकमा (सारण), गौरीचक ग्रिड सब स्टेशन व हाजीपुर ग्रिड सब स्टेशन के उद्घाटन समारोह में उन्होंने यह बात कही। इस मौके 27 करोड़ रुपये की लागत से करबिगहिया में बनने वाले ऊर्जा पार्क, पावर ट्रेनिंग सेंटर, गौरीचक, 99.65 करोड़ रुपये की लागत से बिहटा में बनने वाले ग्रिड सब स्टेशन के अतिरिक्त सोलह परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया। कुल मिलाकर ऊर्जा प्रक्षेत्र की 370 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उन्होंने उद्घाटन व शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्होंने फतुहा-हाजीपुर हाईटेंशन लाइन के पुनर्निर्माण व 220 केवीए बिहटा-छपरा हाईटेंशन लाइन स्थापित किए जाने के फैसले के बारे में भी बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में हम प्रतिदिन कदम बढ़ा रहे हैं। उन्होंने बिहार की बागडोर ऐसे हाल में संभाला था जब यहां बिजली का उत्पादन शून्य था। हमारी वितरण क्षमता 750 मेगावाट से अधिक नहीं थी। स्थिति अब बदल चुकी है। जेनरेशन के क्षेत्र में काफी काम हो रहा है। हम अपनी जरूरतों को पूरा कर पाएंगे। केंद्रीय प्रक्षेत्र से भी बिजली का कोटा बढ़ेगा। बिजली उपलब्ध होगी तो उसके बाद वितरण की समस्या होगी। वितरण की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए ग्रिड सब स्टेशन को शुरू किया गया है। हमने तय किया कि सत्यनारायण स्वामी के कथा सुनने आए लोगों के बीच जिस तरह ठोपे-ठोप प्रसाद वितरण होता है वह नहीं करें। पैसा मिल गया तो थोड़ा इसको-थोड़ा उसको नहीं कर मोटी राशि बिजली के क्षेत्र में लगायी गयी है। बिहार में ट्रांसफार्मर मरम्मत का कारखाना नहीं था। आज सात कारखाने का उद्घाटन हुआ है। बिजली के काम में थोड़ा वक्त जरूर लगता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार की स्थिति पहले यह थी कि लोग बिजली के तार का इस्तेमाल अलगनी के तौर पर कपड़ा सुखाने के लिए करते थे। पर हमने संकल्प लिया हुआ है बिजली की स्थिति सुधारेंगे। उन्होंने कहा कि वह खुद बिजली के इंजीनियर हैं। इसलिए हमको कोई धोखा नहीं दे सकता। उन्होंने बिजली विभाग के एक आला अधिकारी के व्यवहार को लेकर उन्हें मंच से संयमित रहने की नसीहत भी दे डाली। कहा- परिवार है, सबको मिलकर चलाना है।
मुख्यमंत्री ने लोगों से यह अपील भी कि अगर बिजली चाहिए तो बिजली का बिल भी दीजिए। बिल तो सभी को लगेगा। सब्सिडी की राशि सरकार सीधे बिजली कंपनियों को दे देगी। विद्युत बोर्ड का भट्ठा ही इस वजह से बैठ गया कि पिछली सरकारों ने विद्युत बोर्ड को दुधारू गाय समझ लिया था। किसी भी हाल में सब्सिडी का बोझ बिजली कंपनियों पर नहीं पड़ना चाहिए। अगर बिजली बिल नहीं देंगे तो फिर बिजली गायब हो जाएगी। सब का दायित्व है, हम अपनी जिम्मेवारी निभायें। ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने भी इस मौके पर अपनी बात कही।