भागलपुर जिला के नवयुवक अब नशे के सेवन के लिए नयी तकनीक का ईजाद कर लिए हैं। जो पिछले कई महीनों से खांसी की कफ सिरप का खुले आम इस्तेमाल कर रहे हैं। जो किसी भी दवा दुकान पर आसानी से उपलब्ध हो जाती है। लेकिन खांसी की ये कफ सिरप दवा अब तस्करी के दायरे में है।
नशे के लिए अचानक बढ़ी मांग को लेकर आर्थिक अपराध इकाई के कान खड़े हो गए है। इकाई ने एसपी को पत्र भेज ताकीद किया है कि खांसी की दवा का नौजवान नशे के लिए सेवन कर रहे हैं। कफ सीरप की तस्करी रोकने को भागलपुर के एसएसपी ने तो सभी एसएचओ को विशेष टास्क दिया है। उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लिया है।
आर्थिक अपराध इकाई ने कई कंपनियों के कफ सीरप की चर्चा की है। साथ ही कहा कि जिला पुलिस ट्रांसपोर्ट, दवा स्टोर पर भी जांच करे। बिना वैधानिक कागजात के सीरप मिलने पर मादक पदार्थ अधिनियम के तहत कार्रवाई करें। आर्थिक अपराध इकाई के पत्र का उल्लेख करते हुए एसएसपी राजेश कुमार ने सभी एसएचओ को इस दिशा में कार्रवाई का निर्देश दिया है।
इस बाबत भागलपुर जिला के सिविल सर्जन डॉ. उदयशंकर चौधरी के अनुसार कफ सीरप में कोडीन एवं एल्कोहल की मात्र रहती है, जिस कारण इसका उपयोग नशे के लिए किया जाता है। बिना डॉक्टर के परामर्श के किसी भी दवा की बिक्री गलत है।