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जन्मदिन : कवि गोपाल सिंह नेपाली थे वन मैन आर्मी


  • लोकप्रिय कवि और गीतकार गोपाल सिंह नेपाली जी का है आज जन्मदिन |
  • जिन्होने बिहार के गौरव को संपूर्ण देश में किया था स्थापित |
  • जिनका जन्म हुआ था 11 अगस्त, 1911 को बिहार के चंपारण जिले के बेतिया शहर में | 
  • जनकवि गोपाल सिंह नेपाली का भागलपुर से रहा था गहरा लगाव  |
  • उनका 16 अप्रैल, 1963 को भागलपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर हुआ था निधन |
  • नेपाली जी की सात काव्य पुस्तकें पंछी, उमंग, रागिनी, पंचमी, नीलिमा, नवीन एवं हिमालय ने पुकारा हुई प्रकाशित | 
  • मजदूर फिल्म के लिए लिखे गीत से उन्हें मिली काफी प्रसिद्धि | इसके बाद लिखे नागपंचमी, मायाबाजार, शिकारी आदि कई फिल्मों के लिए भी गीत |
  • गोपाल सिंह नेपाली ने 45 हिंदी फिल्मों के लिए लिखे थे लगभग 350 गाने  |
  • उन्होने लिखा था -
  1.  ‘लाख चला अतुकांत गद्य लो तुम कविता के भेष में / चल न सकेगा नीरस पद तुलसी-मीरा के देश में.’ 
  2. ‘हम धरती क्या आकाश बदलनेवाले हैं/ हम तो कवि हैं इतिहास बदलनेवाले हैं.’
  3. ‘बदनाम रहे बटमार मगर घर तो रखवालों ने लूटा/ मेरी दुल्हन-सी रातों को नौ लाख सितारों ने लूटा.’
  4. ‘घनश्याम कहां जाकर बरसे, हर घाट गगरिया प्यासी है/ इस ओर ग्राम उस ओर नगर चहुंओर नजरिया प्यासी है.’
  5. ‘धरती का घर भरा फूल से, तारों से आसमान का/ सागर भर गये भर न सका तू पेट एक इंसान का/ जिसे बनाना उसे मिटाना काम तेरा/ मिटनेवाले फिर क्यों लेंगे नाम तेरा.’ 
  6. ‘रोटी न किसी को, किसी को मोतियों का ढेर/ भगवान तेरे राज में अंधेर है अंधेर.’