आखिरकार लंबे इंतजार के बाद ग्रेटर नोएडा से प्राधिकरण ने आवासीय
सेक्टरों से मोबाइल टावरों को हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रथम चरण
में 25 टावरों को हटाने का निर्णय हुआ है। इनके लिए
हरित पट्टी में जमीन चिह्नित कर कंपनियों को पत्र जारी कर दिए गए हैं। बुधवार को प्राधिकरण मोबाइल कंपनियों के साथ बैठक करेगा। इसमें टावरों को हटाने के लिए समय सीमा निर्धारित की जाएगी। सब कुछ ठीक-ठाक रहा, तो जुलाई के अंत तक सेक्टरों से टावरों को स्थानान्तरित कर दिया जाएगा।
रिहायशी इलाकों से मोबाइल टावरों को हटाने की कवायद पिछले चार-पांच वर्षो से चल रही है। तकनीकी कारणों के चलते योजना परवान नहीं चढ़ सकी। प्राधिकरण ने जब-जब कड़े कदम उठाए, तब-तब कोई न कोई अड़चन सामने आ गई। अड़चनों को दूर करते हुए प्राधिकरण ने अब मोबाइल कंपनियों को किराए पर जमीन देने का निर्णय किया है। 27 मई की बोर्ड बैठक में इसका प्रस्ताव पास किया गया था। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रथम चरण में जिन 25 टावरों को हटाया जाना है, उनके लिए जमीन चिह्नित कर कंपनियों को पत्र जारी कर दिया गया है। सभी टावरों के लिए कंपनियों ने किराए की धनराशि भी प्राधिकरण में जमा कर दी है। नियोजन विभाग ने चिह्नित जमीन को हरी झंडी देते हुए तत्काल टावरों को स्थानान्तरित करने की संस्तुति की है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बुधवार को कंपनियों के अधिकारी प्राधिकरण के आला अफसरों के साथ बैठक कर टावर हटाए जाने की समय सीमा तय करेंगे। शेष अड़चनों को भी दूर करने के उपायों पर चर्चा होगी। कंपनियां भी टावर स्थानान्तरित करने के लिए तैयार हैं। अधिकारी दावा कर रहे हैं कि जुलाई के अंत तक सभी सेक्टरों से टावर हटा दिए जाएंगे।
गांवों में लगे टावर हटेंगे दूसरे चरण में
प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि गांवों में 34 स्थानों पर मोबाइल टावर लगे हैं। इन्हें हटाने की कार्रवाई दूसरे चरण में होगी। सेक्टरों से टावर हटाने के बाद प्राधिकरण दूसरे चरण की कार्रवाई शुरू कर देगा।
मोबाइल टावरों से लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा असर
मोबाइल टावरों से निकलने वाले रेडिएशन से लकवा, कैंसर, दिल की बीमारी व नींद न आने की समस्या बढ़ रही है। इस रिपोर्ट के आने के बाद ही प्राधिकरण से टावरों को रिहायशी इलाकों से दूसर स्थानान्तरित करने की कार्रवाई शुरू की।
हरित पट्टी में जमीन चिह्नित कर कंपनियों को पत्र जारी कर दिए गए हैं। बुधवार को प्राधिकरण मोबाइल कंपनियों के साथ बैठक करेगा। इसमें टावरों को हटाने के लिए समय सीमा निर्धारित की जाएगी। सब कुछ ठीक-ठाक रहा, तो जुलाई के अंत तक सेक्टरों से टावरों को स्थानान्तरित कर दिया जाएगा।
रिहायशी इलाकों से मोबाइल टावरों को हटाने की कवायद पिछले चार-पांच वर्षो से चल रही है। तकनीकी कारणों के चलते योजना परवान नहीं चढ़ सकी। प्राधिकरण ने जब-जब कड़े कदम उठाए, तब-तब कोई न कोई अड़चन सामने आ गई। अड़चनों को दूर करते हुए प्राधिकरण ने अब मोबाइल कंपनियों को किराए पर जमीन देने का निर्णय किया है। 27 मई की बोर्ड बैठक में इसका प्रस्ताव पास किया गया था। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रथम चरण में जिन 25 टावरों को हटाया जाना है, उनके लिए जमीन चिह्नित कर कंपनियों को पत्र जारी कर दिया गया है। सभी टावरों के लिए कंपनियों ने किराए की धनराशि भी प्राधिकरण में जमा कर दी है। नियोजन विभाग ने चिह्नित जमीन को हरी झंडी देते हुए तत्काल टावरों को स्थानान्तरित करने की संस्तुति की है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बुधवार को कंपनियों के अधिकारी प्राधिकरण के आला अफसरों के साथ बैठक कर टावर हटाए जाने की समय सीमा तय करेंगे। शेष अड़चनों को भी दूर करने के उपायों पर चर्चा होगी। कंपनियां भी टावर स्थानान्तरित करने के लिए तैयार हैं। अधिकारी दावा कर रहे हैं कि जुलाई के अंत तक सभी सेक्टरों से टावर हटा दिए जाएंगे।
गांवों में लगे टावर हटेंगे दूसरे चरण में
प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि गांवों में 34 स्थानों पर मोबाइल टावर लगे हैं। इन्हें हटाने की कार्रवाई दूसरे चरण में होगी। सेक्टरों से टावर हटाने के बाद प्राधिकरण दूसरे चरण की कार्रवाई शुरू कर देगा।
मोबाइल टावरों से लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा असर
मोबाइल टावरों से निकलने वाले रेडिएशन से लकवा, कैंसर, दिल की बीमारी व नींद न आने की समस्या बढ़ रही है। इस रिपोर्ट के आने के बाद ही प्राधिकरण से टावरों को रिहायशी इलाकों से दूसर स्थानान्तरित करने की कार्रवाई शुरू की।