
के आरोप में फांसी की सजा सुनाई थी। ज्ञानप्रकाशम, सीमोन, मीसेकर मदैय्या और बिलावेन्द्रन को सुप्रीम कोर्ट ने 2004 में फांसी की सजा सुनाई थी। अक्टूबर 2004 में खूंखार चंदन तस्कर वीरप्पन तमिलनाडु पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया था।
1993 में कर्नाटक के पालर में लैण्ड माइन ब्लास्ट हुआ था। इसमें 21 पुलिस वालों की मौत हुई थी। मैसूर कोर्ट ने सभी को उम्र दैक की सजा सुनाई थी। मैसूर कोर्ट के फैसले को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने चारों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई। इन सभी की दया याचिका 2004 से लंबित थी। न्यायाधीश वाईके सभरवाल और न्यायाधीश बीएन अग्रवाल ने उम्र कैद की सजा को फांसी की सजा में तब्दील किया था। आरोपियों ने कनार्टक की स्पेशल टाडा कोर्ट के दोषी ठहराने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसे खारिज कर दिया गया।