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कर्नाटक में सियासी संकट, बीजेपी को अल्पमत का डर

कर्नाटक में येदुरप्पा समर्थक 13 विधायकों का इस्तीफा नहीं स्वीकार करने के मसले को राज्यपाल हंसराज भारद्वाज ने गंभीरता से लिया है। राज्यपाल सरकार से बहुमत साबित करने को कह सकते हैं। उधर, बीजेपी ने आरोप लगाया है कि
राज्यपाल कांग्रेस के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं।
दरअसल कर्नाटक में बीजेपी और येदुरप्पा के बीच तू डाल-डाल मैं पात-पात वाला खेल शुरू हो गया है। सरकार की पेशबंदी की वजह से दो मंत्रियों समेत 13 येदुरप्पा समर्थक विधायकों का इस्तीफा दो दिन बाद भी मंजूर नहीं हो सका। लिहाजा उन्होंने राज्यपाल हंसराज भारद्वाज का दरवाजा खटखटाया। राज्यपाल ने मामले की गंभीरता को परखते हुए संकेत दिया कि वे सरकार से बहुमत साबित करने को कह सकते हैं। 
गौरतलब है कि बुधवार को येदुरप्पा समर्थक 11 विधायकों के साथ बीजेपी सरकार में मंत्री सी एम उदासी और शोभा करंदलाजे इस्तीफा देने पहुंचे थे। लेकिन विधानसभाध्यक्ष और विधान सभा सचिव मौजूद नहीं थे। संयुक्त सचिव ने भी उन्हें इस्तीफे की पावती नहीं दी और काफी बहस के बाद उन्हें उन्हें बैरंग लौटना पड़ा। जाहिर है, कर्नाटक में सियासी पारा गरमा गया है। बहरहाल, शुक्रवार दोपहर मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर ने राज्यपाल से मुलाक़ात करके उन्हें बहुमत होने का यकीन दिलाया। साथ ही 4 फरवरी से शरु हो रहे विधानसभा सत्र को संबोधित करने का न्योता दिया। लेकिन बीजेपी की आशंकाएं बढ़ती जा रही हैं। दिल्ली में बैठे पार्टी नेताओं को राज्यपाल की सक्रियता रास नहीं आई है।