भाजपा के दिग्गज नेताओं में कभी शुमार रहे उत्तर प्रदेश के पूर्व
मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने अपनी जनक्रांति पार्टी (राष्ट्रवादी) का 21 जनवरी को भाजपा
में विधिवत विलय कर दिया। मगर तकनीकी कारणों से वह स्वयं पार्टी में शामिल
नहीं हुए।
राजधानी लखनऊ में गोमती किनारे स्थित झूलेलाल मैदान में भाजपा की
तरफ से आयोजित 'अटल शंखनाद' रैली में जनक्रांति पार्टी (राष्ट्रवादी) के भाजपा में विलय की घेाषणा कल्याण के पुत्र एवं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया ने की।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी सहित प्रदेश के सभी राष्ट्रीय एवं वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में जनक्रांति पार्टी के विलय को औपचारिक मान्यता दी।
एटा लोकसभा सीट से निर्दलीय सांसद कल्याण सिंह ने कहा कि तकनीकी कारणों से वह भाजपा में शामिल नहीं हो रहे है। ऐसा करने पर उन्हें लोकसभा से इस्तीफा देना पडेगा और उपचुनाव की स्थिति पैदा हो जाएगी तथा अब जब लोकसभा के आम चुनाव में सालभर से कुछ ही अधिक समय बचा है, सालभर में दो चुनाव उचित नहीं होगा।
कल्याण सिंह ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संस्कार को उनके खून में शामिल बताया और यह कहते हुए भावुक होकर रो पड़े कि मेरी इच्छा थी, ‘मेरी अर्थी भाजपा के झंडे में लिपट कर जाए।’ रैली को संबोधित करते हुए कल्याण ने कहा, 'मेरे जीवन का शेष काल अब आपके बीच बीतेगा और मेरी अर्थी के झंडे मे लिपट कर जाएगी।’
राजधानी लखनऊ में गोमती किनारे स्थित झूलेलाल मैदान में भाजपा की
तरफ से आयोजित 'अटल शंखनाद' रैली में जनक्रांति पार्टी (राष्ट्रवादी) के भाजपा में विलय की घेाषणा कल्याण के पुत्र एवं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया ने की।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी सहित प्रदेश के सभी राष्ट्रीय एवं वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में जनक्रांति पार्टी के विलय को औपचारिक मान्यता दी।
एटा लोकसभा सीट से निर्दलीय सांसद कल्याण सिंह ने कहा कि तकनीकी कारणों से वह भाजपा में शामिल नहीं हो रहे है। ऐसा करने पर उन्हें लोकसभा से इस्तीफा देना पडेगा और उपचुनाव की स्थिति पैदा हो जाएगी तथा अब जब लोकसभा के आम चुनाव में सालभर से कुछ ही अधिक समय बचा है, सालभर में दो चुनाव उचित नहीं होगा।
कल्याण सिंह ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संस्कार को उनके खून में शामिल बताया और यह कहते हुए भावुक होकर रो पड़े कि मेरी इच्छा थी, ‘मेरी अर्थी भाजपा के झंडे में लिपट कर जाए।’ रैली को संबोधित करते हुए कल्याण ने कहा, 'मेरे जीवन का शेष काल अब आपके बीच बीतेगा और मेरी अर्थी के झंडे मे लिपट कर जाएगी।’