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जिले में लंबित हैं भूमि विवाद के मामले, बढ़ रहे विवाद

भागलपुर जिले में भूमि विवाद के मामलों के निष्पादन की दर कम है। इसका परिणाम यह है कि परिवार और समाज में विवाद और आंतरिक कलह बढ़ रहे हैं। जिले के गोपालपुर, भिखनपुर, शाहकुंड, नवगछिया इलाकों के दर्जनों मामले फैसले के इंतजार में हैं |
गोपालपुर में आपस में ही राय परिवार के दो सदस्य
छोटी सी जमीन के लिए बंदूक उठाए हुए हैं। न्याय के लिए एक पार्टी ने आयुक्त का दरवाजा खटखटाया है। भीखनपुर में मिश्रा परिवार का मामला जिला के कोर्ट में दो दशक से चल रहा है। इसी तरह डीसीएलआर के कोर्ट में शाहकुंड के दो पार्टी एक ही जमीन पर दावा ठोंके हुए हैं। स्थिति यह है कि खेत में धान लगी है और इसको कटवाने के लिए लाठी-डंडा चलने की संभावना है। ऐसे भूमि विवाद के मामलों का निष्पादन अंचल स्तर पर नहीं होने से यह अनुमंडल और जिला प्रशासन के सिरदर्द बन गया है।
प्रशासनिक आंकड़ों पर भरोसा करें तो एक हजार से अधिक भूमि विवाद के मामले विभिन्न न्यायालयों में दायर हुए। इनमें से 792 में फैसला सुना दिया गया लेकिन अधिकांश ने फैसले के विरोध में आगे का रूख किया।
भूमि सुधार उप समाहर्ता, सदर के न्यायालय में नवम्बर तक 48 मामले लंबित थे। वहीं कहलगांव के डीसीएलआर कोर्ट में 125 मामले अब तक लंबित हैं। नवगछिया के डीसीएलआर को 40 मामलों में सुनवाई करनी है।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि न्याय की उम्मीद में वैसे लोग जिन्हें अंचल से निर्णय नहीं मिलता है वे सीधे डीसीएलआर के यहां आवेदन देते हैं। जिला पदाधिकारी के जनता दरबार से भी मामले स्थानांतरित होकर भेजे जाते हैं। तीनों भूमि सुधार उप समाहर्ताओं ने इस वर्ष 792 मामलों का निष्पादन किया है।