भागलपुर में बीटीएस की कमी के कारण भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) का
मोबाइल सेवा लगातार नेटवर्किंग की समस्या से दो चार होते रहती है। कमजोर
नेटवर्किंग से उपभोक्ताओं को अक्सर बात करने में परेशानियों का सामना करना
पड़ता है। नतीजा नए बीएसएनएल मोबाइल के नए उपभोक्ता अब नहीं बन रहे हैं। यही
नहीं नेटवर्किंग की समस्या से झल्ला कर कई उपभोक्ताओं ने बीएसएनएल मोबाइल
सेवा से नाता तोड़ निजी कंपनी के मोबाइल सेवा से जुड़ गए हैं।
जानकारी के अनुसार भागलपुर में 250 बीटीएस की जरूरत है, लेकिन महज 129 बीटीएस ही लगाए जा सके हैं। 121 बीटीएस कम लगने के कारण नेटवर्किंग की समस्या खड़ी होती है। यह समस्या खासकर गोराडीह, लोदीपुर, लालूचक, मधुसूदनपुर, बरारी, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, नवगछिया तथा बांका जिले के रजौन, पुनसिया समेत कई क्षेत्रों में कमजोर नेटवर्किंग से उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष एवं मोबाइल डीजीएम मनोज चौधरी ने बताया कि बीएसएनएल की गिरती सेवा के लिए आईटीएस अधिकारी जिम्मेदार हैं। क्योंकि नीति निर्धारण आईटीएस अधिकारी करते हैं। टेंडर नहीं होने की स्थिति में बीटीएस नहीं लग रहा है। केबल उपलब्ध नहीं कराया जाता है। इस कारण पुराने केबल को जोड़कर किसी तरह लैंड लाइन सेवा को जिंदा रखा जा रहा है। उपलब्ध संसाधनों में जहां तक संभव हो पाता है कर्मी काम कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार भागलपुर में 250 बीटीएस की जरूरत है, लेकिन महज 129 बीटीएस ही लगाए जा सके हैं। 121 बीटीएस कम लगने के कारण नेटवर्किंग की समस्या खड़ी होती है। यह समस्या खासकर गोराडीह, लोदीपुर, लालूचक, मधुसूदनपुर, बरारी, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, नवगछिया तथा बांका जिले के रजौन, पुनसिया समेत कई क्षेत्रों में कमजोर नेटवर्किंग से उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
लैंड लाइन में गिरावट, 26 हजार कनेक्शन कटे
भागलपुर में मोबाइल सेवा ही नहीं बल्कि बीएसएनएल के लैंड
लाइन (दूरभाष) भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। मोबाइल का क्रेज बढ़ने पर लैंड
लाइन में चार गुना गिरावट आया है। वर्ष 2006 तक भागलपुर प्रमंडल में लैंड
लाइन का 35 हजार कनेक्शन था। विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही
व शिथिल कार्रवाई के चलते धीरे-धीरे लैंड लाइन सेवा से लोगों का मोह भंग
होने लगा और मोबाइल की ओर झुकाव बढ़ने लगा। परिणामस्वरूप लोग दूरभाष का
कनेक्शन कटवाने लगे। इससे दूरभाष का कनेक्शन दिनानुदिन कम हो गया। वर्तमान
में करीब 8500 लैंड लाइन का कनेक्शन है। वहीं भागलपुर क्षेत्र में 18 हजार
से घटकर छह हजार कनेक्शन रह गया है। इससे बीएसएनएल विभाग को प्रति वर्ष 34
हजार से घटकर 12 करोड़ रुपये का व्यवसाय हो गया है। प्रतिवर्ष 22 करोड़ रुपये
राजस्व के नुकसान का अनुमान है। संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष एवं मोबाइल डीजीएम मनोज चौधरी ने बताया कि बीएसएनएल की गिरती सेवा के लिए आईटीएस अधिकारी जिम्मेदार हैं। क्योंकि नीति निर्धारण आईटीएस अधिकारी करते हैं। टेंडर नहीं होने की स्थिति में बीटीएस नहीं लग रहा है। केबल उपलब्ध नहीं कराया जाता है। इस कारण पुराने केबल को जोड़कर किसी तरह लैंड लाइन सेवा को जिंदा रखा जा रहा है। उपलब्ध संसाधनों में जहां तक संभव हो पाता है कर्मी काम कर रहे हैं।