'मैं अपने लिए नहीं बल्कि राज्य के लोगों के लिए अभियान चला रहा हूं ताकि राज्य को विशेष राज्य का दर्जा मिले और विकास हो.' ये बातें नितीश कुमार ने शुक्रवार को सहरसा की सभा में कही।
बिहार के सहरसा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सभा शुक्रवार को भारी सुरक्षा के बीच आयोजित हुई. सहरसा स्टेडियम में आयोजित मुख्यमंत्री की सभा के दौरान बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गयी थी. कोसी बाढ पीड़ितों को भी सभास्थल में नहीं जाने दिया गया. केवल जदयू कार्यकर्ताओं को कडी सुरक्षा जांच के बाद भीतर प्रवेश दिया गया.
गुरुवार को बेगूसराय और खगड़िया में नीतीश के कार्यक्रम के दौरान हिंसक झड़प हुई थी. उपद्रवियों ने खगड़िया में जिलाधिकारी कार्यालय में तोडफोड़, आगजनी की थी.
नीतीश ने विपक्ष का नाम लिये बिना यहां सभा के दौरान कहा,‘कुछ लोग मुझे सत्ता से हटाने के लिए साजिश कर रहे हैं. मैं बिहार के साढ़े दस करोड लोगों के लिए अधिकार की मांग कर रहा हूं तो ईट पत्थर चलवा रहे हैं. मैं अपने लिए नहीं बल्कि राज्य के लोगों के लिए अभियान चला रहा हूं ताकि राज्य को विशेष राज्य का दर्जा मिले और विकास हो. कुछ लोग इससे पहले अपने लाभ के लिए लाठी रैली और क्या क्या कार्यक्रम करते रहे हैं. यह जगजाहिर है. विरोधियों की मंशा पूरी नहीं होगी.’
उन्होंने कहा, ‘जनता ने जिन लोगों को नकार दिया है उनकी मुराद पूरी नहीं होने वाली है. मैं मर जाऊंगा मिट जाऊंगा लेकिन अंतिम सांस तक बिहार के हक के लिए संघर्ष करता रहूंगा. ईट पत्थर चलवाने और उसके दृश्य मीडिया में बारबार दिखाने से कुछ नहीं होने वाला.जनता जाग चुकी है.’
नीतीश ने केंद्र पर बिहार के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा, ‘कोसी में 2008 में बाढ़ की तबाही से निपटने के लिए केंद्र ने विशेष पैकेज नहीं दिया तो बाहर से कर्ज लेकर पुनर्वास कार्य चलाया जा रहा है. बिहार में नेपाल से आने वाली नदियों से तबाही का समाधान निकालना केंद्र की जवाबदेही है लेकिन वह कोई पहल नहीं कर रहा है. हम बेहतर कोसी क्षेत्र बनाकर रहेंगे.
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए नीतीश कुमार राज्य के जिलों में अधिकार यात्रा का अभियान चला रहे हैं. आगामी चार नवंबर को पटना में होने वाली जदयू की अधिकार रैली के लिए वह लोगों से कार्यक्रम में आने की अपील कर रहे हैं.
नीतीश ने कहा कि सभी जदयू कार्यकर्ताओं को अपने घर से कम से कम एक सदस्य पटना में रैली में अवश्य भेजना है. केंद्र ने मांग नहीं मानी तो रामलीला मैदान में विरोध प्रदर्शन होगा.
सहरसा में सभा के दौरान करीब पांच हजार लोग उपस्थित थे. सभा के बाद मुख्यमंत्री कोसी क्षेत्र के एक अन्य जिले मधेपुरा के लिए रवाना हो गये.
बिहार के सहरसा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सभा शुक्रवार को भारी सुरक्षा के बीच आयोजित हुई. सहरसा स्टेडियम में आयोजित मुख्यमंत्री की सभा के दौरान बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गयी थी. कोसी बाढ पीड़ितों को भी सभास्थल में नहीं जाने दिया गया. केवल जदयू कार्यकर्ताओं को कडी सुरक्षा जांच के बाद भीतर प्रवेश दिया गया.
गुरुवार को बेगूसराय और खगड़िया में नीतीश के कार्यक्रम के दौरान हिंसक झड़प हुई थी. उपद्रवियों ने खगड़िया में जिलाधिकारी कार्यालय में तोडफोड़, आगजनी की थी.
नीतीश ने विपक्ष का नाम लिये बिना यहां सभा के दौरान कहा,‘कुछ लोग मुझे सत्ता से हटाने के लिए साजिश कर रहे हैं. मैं बिहार के साढ़े दस करोड लोगों के लिए अधिकार की मांग कर रहा हूं तो ईट पत्थर चलवा रहे हैं. मैं अपने लिए नहीं बल्कि राज्य के लोगों के लिए अभियान चला रहा हूं ताकि राज्य को विशेष राज्य का दर्जा मिले और विकास हो. कुछ लोग इससे पहले अपने लाभ के लिए लाठी रैली और क्या क्या कार्यक्रम करते रहे हैं. यह जगजाहिर है. विरोधियों की मंशा पूरी नहीं होगी.’
उन्होंने कहा, ‘जनता ने जिन लोगों को नकार दिया है उनकी मुराद पूरी नहीं होने वाली है. मैं मर जाऊंगा मिट जाऊंगा लेकिन अंतिम सांस तक बिहार के हक के लिए संघर्ष करता रहूंगा. ईट पत्थर चलवाने और उसके दृश्य मीडिया में बारबार दिखाने से कुछ नहीं होने वाला.जनता जाग चुकी है.’
नीतीश ने केंद्र पर बिहार के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा, ‘कोसी में 2008 में बाढ़ की तबाही से निपटने के लिए केंद्र ने विशेष पैकेज नहीं दिया तो बाहर से कर्ज लेकर पुनर्वास कार्य चलाया जा रहा है. बिहार में नेपाल से आने वाली नदियों से तबाही का समाधान निकालना केंद्र की जवाबदेही है लेकिन वह कोई पहल नहीं कर रहा है. हम बेहतर कोसी क्षेत्र बनाकर रहेंगे.
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए नीतीश कुमार राज्य के जिलों में अधिकार यात्रा का अभियान चला रहे हैं. आगामी चार नवंबर को पटना में होने वाली जदयू की अधिकार रैली के लिए वह लोगों से कार्यक्रम में आने की अपील कर रहे हैं.
नीतीश ने कहा कि सभी जदयू कार्यकर्ताओं को अपने घर से कम से कम एक सदस्य पटना में रैली में अवश्य भेजना है. केंद्र ने मांग नहीं मानी तो रामलीला मैदान में विरोध प्रदर्शन होगा.
सहरसा में सभा के दौरान करीब पांच हजार लोग उपस्थित थे. सभा के बाद मुख्यमंत्री कोसी क्षेत्र के एक अन्य जिले मधेपुरा के लिए रवाना हो गये.