बिहार के पूर्णिया प्रमंडल में लगातार जन प्रतिनिधियों के
साथ हो रहे अपमान से दुखी भाजपा नेता व विधान पार्षद दिलीप जायसवाल ने अपने इस्तीफे तक की धमकी दे डाली है। सहरा के उप मुखिया लोचन ठाकुर को मंगलवार को इंदिरा आवास शिविर में जिले के उप विकास आयुक्त जय प्रकाश मंडल द्वारा तमाचा मारे जाने की घटना के बाद इस मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर सैकड़ों समर्थकों के साथ आयुक्त कार्यालय पहुंचे विधान पार्षद दिलीप जायसवाल ने कहा कि जब उनके जन प्रतिनिधियों को सम्मान ही नहीं मिल रहा तो फिर उन्हें अपने पद पर बने रहने का कोई हक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वे देश के सबसे बड़े क्षेत्र के विधान पार्षद हैं। लेकिन हाल के दिनों में उन्हें अपने जन प्रतिनिधियों के साथ अधिकारियों द्वारा किये जा रहे व्यवहार से काफी दुख पहुंचा है। उन्होंने कहा कि सूबे के मुखिया व सरकार द्वारा राज्य में सुशासन की बात कही जा रही है लेकिन यह कैसा सुशासन की एक ओर जब कोई जन प्रतिनिधि किसी कर्मी को एक थप्पड़ मारे जो उसे सीसीए लगाकर जेल में बंद कर दिया जाय और अगर कोई अधिकारी किसी जन प्रतिनिधि को थप्पड़ मारे तो प्राथमिकी करने की बात दूर जिले का जिलाधिकारी को उस पीड़ित जन प्रतिनिधि की समस्या सुनने का फुर्सत नहीं हो। उन्होंने कहा की अब इस दोहरे नीति पर आर पार की लड़ाई लड़ी जायेगी। विधान पार्षद दिलीप जायसवाल ने इसके पूर्व बड़ी संख्या में अपने समर्थकों के साथ आयुक्त कार्यालय पहुंचकर आयुक्त ब्रजेश मेहरोत्रा को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें दोषी पूर्णिया के डीडीसी जय प्रकाश मंडल को उप मुखिया लोचन ठाकुर को थप्पड़ मारने के आरोप में तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की गयी। इसके पूर्व समर्थकों द्वारा जमकर नारे बाजी एवं प्रदर्शन किया गया। जिसमें पूर्णिया जिला प्रशासन हाय- हाय, डीडीसी को जेल भेजो आदि नारे लगाये जा रहे थे। इसके बाद विधान पार्षद ने अपने समर्थकों के साथ अपने कपड़े उतार कर प्रदर्शन किया। अर्द्ध नग्न प्रदर्शन करते हुए नेताओं ने कहा कि आज विधान पार्षद द्वारा कपड़े उतार कर प्रदर्शन कर यह बताने के लिये काफी है की जब सरकारी पार्टी के विधान पार्षद की यह स्थिति है तो आम लोगों का क्या होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। आयुक्त ने इस मामले में विधान पार्षद को आश्वासन दिया की वे इस मामले की जांच कराकर दस दिनों के अंदर उचित कार्रवाई करेंगे। इसके बाद पार्षद श्री जायसवाल ने एलान किया की अगर दस दिनों में कार्रवाई नहीं हुई तो फिर पूरे प्रमंडल के जन प्रतिनिधि पूर्णिया जुटेंगे और इस मामले में आगे की रणनीति तय की जायेगी।
