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आईआईटी में एडमिशन के लिए अगले साल से नया फॉर्मेट

बदलाव :- केंद्रीय राशि प्राप्त करने वाले सभी संस्थानों में एडमिशन के लिए 12वीं क्लास में प्रदर्शन को 40 फीसदी, मेन टेस्ट में प्रदर्शन को 30 फीसदी तथा एडवांस टेस्ट में प्रदर्शन को 30 फीसदी वेटेज दिया जाएगा

आईआईटी की प्रक्रिया :- आईआईटी के मामले में बोर्ड रिजल्ट व मेन टेस्ट के प्रदर्शन को 50:50 फीसदी वेटेज दिया जाएगा। इस पर विचार कर केवल पहले 50,000 छात्रों को एडवांस टेस्ट के लिए चुना जाएगा। एडवांस टेस्ट में हासिल मेरिट को ही आईआईटी में एडमिशन के लिए आधार माना जाएगा

आईआईटी और एनआईटी व आईआईआईटी जैसे दूसरे केंद्रीय संस्थानों में प्रवेश के इच्छुक छात्रों को वर्ष 2013 से एंट्रेंस टेस्ट के एक नए फॉर्मेट का सामना करना होगा। इसके तहत 'प्लस 2 बोर्ड एक्जाम' के नतीजों पर भी विचार किया जाएगा।

मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने सोमवार को आईआईटी, एनआईटी और आईआईआईटी की ज्वाइंट काउंसिल की एक बैठक की अध्यक्षता करने के बाद यह घोषणा की।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस कदम को लेकर ज्वाइंट काउंसिल के सदस्यों में कोई असहमति नहीं है, जबकि आईआईटी सिस्टम से कंसल्टेशन प्रक्रिया के दौरान इस पर काफी विरोध जताया गया था।

आईआईटी सीनेट्स खासकर फैकल्टी फेडरेशन नए फॉर्मेट का विरोध करता रहा है। सिब्बल ने कहा कि आईआईटी एवं अन्य केंद्रीय संस्थानों के लिए छात्रों का चयन अलग-अलग ढंग से होगा। हालांकि, नए फॉर्मेट के तहत सभी छात्रों-छात्राओं को सभी चरणों से गुजरना होगा। यह सिस्टम दरअसल आईआईटी-जीईई तथा एआईईईई की जगह लेगा। इसके तहत छात्रों को एक ही दिन संचालित होने वाले मेन टेस्ट तथा एडवांस टेस्ट में बैठना होगा।

केंद्रीय राशि प्राप्त करने वाले सभी संस्थानों में एडमिशन के लिए 12वीं क्लास में प्रदर्शन को 40 फीसदी, मेन टेस्ट में प्रदर्शन को 30 फीसदी तथा एडवांस टेस्ट में प्रदर्शन को 30 फीसदी वेटेज दिया जाएगा। आईआईटी के लिए एक फिल्टरिंग प्रक्रिया भी होगी। इसमें बोर्ड एक्जाम के परिणामों एवं मेन टेस्ट में किए गए प्रदर्शन को 50:50 फीसदी वेटेज दिया जाएगा।

बोर्ड के परिणामों तथा मेन टेस्ट में छात्रों के प्रदर्शन पर विचार करके केवल पहले 50,000 छात्रों को एडवांस टेस्ट के लिए चुना जाएगा। सिब्बल ने कहा कि केवल एडवांस परीक्षा में हासिल मेरिट को ही आईआईटी में एडमिशन के लिए आधार माना जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि आईआईटी काउंसिल ने वर्ष 2015 तक दूसरी प्रणाली को अपनाने के लिए सहमति दे दी है।