
देश प्रेम की भावना हर हिन्दुस्तानी के खून में समाई हुई है। जिसको इजहार करने का पर्व है गणतंत्र दिवस। इस पर्व के अवसर पर हर हिन्दुस्तानी के दिल में तिरंगा फहराने का ख्वाब होता है। प्रत्येक भारतीय को तिरंगा फहराने की स्वीकृति भी मिली हुई है। लेकिन तिरंगे की कीमत देख अधिकांश लोग उसे देखकर ही संतोष कर रहे हैं फिर भी दिल से कहते है विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा। यह स्थिति झंडे की कीमत को लेकर आन पड़ी है। जिस पर महंगाई की मार स्पष्ट रूप से दिखायी दे रही है। राष्ट्रीय ध्वज के रूप में सर्वाधिक प्रिय और मान्यता है खादी के तिरंगे की। जो इस वर्ष कम से कम 70 रुपये का बताया जा रहा है। वह भी छोटे आकार का। मंझले आकार के खादी के तिरंगे की कीमत 150 रुपये बतायी गयी। तिरंगा खरीदने गये विनित कुमार एवं संजीव कुमार तथा राजेश कुमार के मुंह से तिरंगे की कीमत सुनते ही निकाला-हे बापू, तेरा तिरंगा भी हुआ मंहगा। देश की खातिर इतनी कुर्बानियां हो गयी बेकार, तिरंगे पर भी पड़ गयी महंगाई की मार। आखिर क्या कर रही है देश की सरकार। महंगाई को नहीं है तिरंगे से एतवार। क्या करना होगा प्लास्टिक के तिरंगे से प्यार। बतातें चले कि प्लास्टिक के तिरंगे बनने और बिकने भी शुरू हो चुके है। जो फिलहाल काफी छोटे साइज के एक रुपये में आसानी से मिलने लगे हैं।