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गोपालपुर में स्पर सात व आठ ध्वस्त

गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी होने से बुधवार की देर रात गोपालपुर प्रखंड के गंगा के तटवर्ती क्षेत्र के कटाव प्रभावित बोल्डर पीचिंग बांध स्पर संख्या सात एवं आठ के पास
ध्वस्त हो गया। साथ ही यहां बना पत्थर का स्लोप भी गंगा में विलीन हो गया। इससे आस-पास के गावों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बुधवार की देर रात गंगा के पानी का दबाव बढ़ने से पहले स्पर संख्या सात का पत्थर स्लोप एवं नोज कटाव में बह गया। साथ ही स्पर के दक्षिण में 150 मीटर बांध भी कटाव के कारण गंगा में बह गया। वहीं स्पर संख्या आठ पत्थर के स्लोप के साथ नोज सहित बांध गंगा के कटाव में बह गया। इस कारण मुख्य बांध पर कटाव का खतरा बढ़ गया है। यहां यह बता दें कि इसके पहले स्पर संख्या छह कटाव के कारण पहले ही गंगा में विलीन हो चुका है। स्पर संख्या नौ पर भी तेजी से कटाव हो रहा है और इसका कुछ भाग क्षतिग्रस्त हो गया है। जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता आरपी. महतो ने बताया कि गंगा के जल स्तर वृद्धि के कारण कटाव हो रहा है। इसी कारण स्पर सात एवं आठ का कटाव हुआ है। उन्होंने बताया कि कटाव स्थल पर अधीक्षण अभियंता एवं कार्यपालक अभियंता कैम्प कर रहे हैं। अधीक्षण अभियंता दुर्गानंद चौधरी ने बताया कि कटाव को नियंत्रित करने के लिए ईट के टुकड़ों को बैग में भर कर नाईलोन की जाली में डालकर कटाव स्थल पर दिया जा रहा है। साथ ही पत्थर भी कटाव स्थल पर डाला जा रहा है। उधर जिलाधिकारी राहुल सिंह ने गुरुवार को देर शाम गोपालपुर के गंगा के तटवर्ती क्षेत्र में कटाव प्रभावित बोल्डर पीचिंग बांध का निरीक्षण किया। स्पर सात एवं आठ पर कटाव निरोधी कार्य में लगे कम मजदूरों को देखकर डीएम ने नाराजगी जताई। उन्होंने मौके पर मौजूद जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता को निर्देश दिया कि ज्यादा से ज्यादा मजदूरों को लगाकर जल्द बचाव कार्य पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि मजदूरों की संख्या पांच सौ से कम होने पर दोषी अभियंता के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने निर्देश दिया कि सभी स्परों पर कटाव क्यों हो रहा है इसकी जांच कर जिम्मेदारी पूर्वक कार्य करें। उन्होंने कहा कि 24 घंटे के अंदर अगर इसी तरह का कटाव जारी रहा तो विभागीय अभियंताओं को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाएगा। विभागीय अभियंताओं ने डीएम को बताया कि पूर्व में कार्य कर रही एजेंसी को बदल दिया गया है इसी कारण कार्य की गति धीमी है।