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बालभारती विद्यालय में तुलसी जयंती पर हुआ भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन

बालभारती विद्यालय में तुलसी जयंती पर हुआ भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन
नवगछिया। सीबीएसई से मान्यता प्राप्त अनुमंडल के एक मात्र प्रतिष्ठित विद्यालय "बाल भारती विद्यालय" परिसर में गुरुवार को तुलसी जयंती के अवसर पर बाल भारती विद्यालय और बाल भारती पोस्ट आफिस रोड के छात्र छात्राओं द्वारा एक भव्य एवं आध्यात्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों द्वारा रामचरितमानस पर आधारित भावपूर्ण प्रस्तुतियाँ दी गईं। जिससे उपस्थित सभी दर्शक भावविभोर हो उठे। कार्यक्रम की शुरुआत जहां विद्यालय के प्रशासक डी. पी. सिंह द्वारा स्वागत भाषण से हुई।उन्होंने रामचरित मानस की कुछ चौपाई का गायन करते हुए सबों का स्वागत किया। वहीं कार्यक्रम का विधिवत उदघाटन विद्यालय प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष अजय कुमार रुंगटा, डॉ बीएल चौधरी सचिव अभय प्रकाश मुनका, सह सचिव प्रवीण केजरीवाल, कोषाध्यक्ष अशोक गोपालका एवं कार्यकारिणी सदस्यगण विनोद खंडेलवाल, दिलीप मुनका, मोहनलाल चिरानियाँ, बालकृष्ण पंसारी, बिनोद चिरानियाँ, रवि प्रकाश सर्राफ, पंकज टिबड़ेवाल, भगवती पंसारी, रामावतार प्रसाद एवं डॉक्टर आनंद विक्रम द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। 
कार्यक्रम में विद्यालय के नृत्य शिक्षक की अगुवाई में मंगलाचरण एवं चौपाई से अध्यात्म की छटा बिखेरी गई। इसके पश्चात "श्रीरामचन्द्र कृपालु", "ठुमक चले रामचन्द्र", "रामचन्द्र कह गए सिया से", "तुलसी चलल ससुर्रिया", "सीता हरण" जैसी सुंदर नृत्य, नृत्य-नाटिका एवं गायन प्रस्तुतियों ने मंच को जीवंत कर दिया। विशेष आकर्षण रहा भावनात्मक नाटक "कहाँ गयी असली सीता", जिसने सभी दर्शकों को सोचने पर विवश कर दिया। कार्यक्रम का समापन "राम आएंगे-आएंगे" जैसे उत्साहवर्धक गीतों से हुआ। उपाध्यक्ष अजय कुमार रुंगटा ने अपने संबोधन में कहा कि तुलसीदास जैसे संत युगों-युगों तक हमारे समाज को दिशा देने का कार्य करते रहेंगे। उनके आदर्शों को अपनाकर ही हम श्रेष्ठ समाज का निर्माण कर सकते हैं। सचिव अभय प्रकाश मुनका ने कहा कि बालकों में रामकथा के आदर्शों का समावेश होना अत्यंत आवश्यक है। रामायण केवल ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने की विधा है। सह सचिव प्रवीण केजरीवाल ने सबो को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन बच्चों की संस्कृति और जड़ों से जुड़ाव बनाए रखते हैं। यह आयोजन आने वाली पीढ़ियों को भारतीय मूल्यों से परिचित कराता है।
कार्यक्रम में भगवती प्रसाद पंसारी, विनोद खंडेलवाल, बाल कृष्ण पंसारी ने भी अपने विचार साझा किए। सबो ने तुलसी जी की रचनाओं को अपने जीवन में आत्मसात करने हेतु मार्गदर्शन दिया और भगवान राम के आदर्शों का गुणगान किया। कार्यक्रम का सफल संचालन शिक्षक निखिल चिरानियाँ ने किया। बाल भारती पोस्ट आफिस रोड के प्राचार्य कौशल किशोर ने कहा, रामायण केवल कथा नहीं, जीवन जीने की पद्धति है जिसे हमें आत्मसात करना चाहिए। तुलसीदास ने जिस समाज की कल्पना की थी, हम उसे साकार कर सकते हैं। कार्यक्रम के अंत मे बाल भारती विद्यालय के प्राचार्य श्री नवनीत सिंह ने सभी आगंतुकों, अतिथियों एवं शिक्षको के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा, विद्यालय हमेशा ऐसे आयोजनों के माध्यम से छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए कटिबद्ध है। इस तरह के आयोजन से विद्यार्थियों में आत्मविश्वास और आध्यात्मिक चेतना का संचार होता है।विद्यालय आगे भी ऐसे आयोजन करता रहेगा। कार्यक्रम को संजोने में विद्यालय के नृत्य शिक्षक निभास मोदी, संगीत शिक्षक श्रवण कुमार की अहम भूमिका रही। इस अवसर पर दोनों विद्यालयों के सभी शिक्षकगण, छात्र -छात्राएं उपस्थित रहे।