अनुकरणीय भागलपुर: भारतीय संस्कृति की रक्षार्थ मनाया गया मातृ पितृ पूजन दिवस, सभी हुए भाव विभोर
राजेश कानोड़िया (नव-बिहार समाचार), भागलपुर। स्थानीय
लाजपत पार्क में 14 फरवरी को जागृत युवा समिति के तत्वावधान में मातृ पितृ पूजन दिवस पर भव्य समारोह आयोजित किया गया। समिति के तत्वावधान में यह कार्यक्रम भागलपुर में 10वीं बार किया गया था। कार्यक्रम के दौरान लगभग पांच सौ बच्चों ने अपने—अपने माता—पिता की पूजा की। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुए पूजन कार्यक्रम को देखकर सभी भावविभोर हो गए। पूजन के दौरान जिस समय माता—पिता ने अपने बच्चों को गले लगाया, उस समय सभी की आंखें नम हो गई। इस दृश्य को देखकर सभी रोमांचित हो उठे। यह कार्यक्रम जगदगुरु रामानुजाचार्य श्री रामचंद्राचार्य परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज के सानिध्य में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का संयोजन रोहित पांडेय ने किया था। संचालन दिलीप शास्त्री ने किया। कार्यक्रम में मातृ—पितृ भक्त श्रवण कुमार, भगवान शिव—पार्वती और गणेश सहित कई देवी—देवताओं के चित्र लगाए गए थे। कार्यक्रम स्थल पर 30 फीट उंचा त्रिशुल आकर्षण का केंद्र बना हुआ था।
मंत्री और विधायक ने किया उद्घाटन
कार्यक्रम में स्वामी आगमानंद महाराज के नेतृत्व में महापौर डा वसुंधरा लाल, बिहार के श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार, विधायक श्रेयसी सिंह के अलावा अर्जित शाश्वत चौबे, डा प्रीति शेखर, नभय कुमार चौधरी, गीतराज राजकुमार, पंडित ज्योतिन्द्राचार्य महाराज, अधिवक्त राजीव सिंह, अंजना प्रकाश, कुंदन बाबा, श्वेता सुमन, जागृत युवा समिति के संयोजक प्यारे हिंद, रोहित पांडेय आदि ने कार्यक्रम में दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया।
भारतीय संस्कृति की करें रक्षा
स्वामी आगमानंद महाराज ने कहा कि भारतीय संस्कृति की रक्षा करने के लिए ऐसे दिनों को और व्यापक बनाने की जरुरत है। पश्चात संस्कृति के कारण आज का दिन को लोग दूसरे रूप में याद करते हैं, जिससे अपनी संस्कृति नष्ट होती है। कई संतों ने इस दिन को मातृ पितृ पूजन दिवस के रूप में स्थापित किया है, जिसने आज वृहद रूप में ले लिया है। उन्होंने जागृत युवा समिति के कार्यकर्ताओं को इस आयोजन को विशेष धन्यवाद दिया। स्वामी आगमानंद ने जागृत युवा समिति के कार्यकर्ताओं को स्मृति चिन्ह देखकर सम्मानित किया।
भजनों पर सभी थिरके
भजन सम्राट डा हिमांशु मोहन मिश्र दीपक जी ने कार्यक्रम में एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुति दी। गणेश वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत की। माता—पिता पर समर्पित कई भजनों को सुनाया। हनुमान चालीसा का सामुहिक पाठ करवाया। मधुर—मधुर नाम सीताराम—सीताराम गायक सभी को भावविभोर कर दिया। इसके अलावा संदीप के नेतृत्व में मंच पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। बच्चों ने दिव्य वेश—भूषा कार्यक्रम में भाग लिया। कई गायकों ने भजनों की प्रस्तुति दी।
इस मौके पर नीतीश हरिओम, अमित कुमार, आशीष पांडेय, बिल्टज दुबे, रोशन, सरोज वर्मा, नीलराज,अमित ओमकार, अर्णव,सुमित सिंह, सारिका सरोज, संदीप कुमार, विशाल कुमार, रोशन, रिंकू वर्मा ,साकेत,बिक्की,आशीष, मंजेश, प्रह्लाद, तृप्ति पांडेय आदि उपस्थित थे।
2007 में हुई थी इस दिन की शुरुआत
जागृत युवा समिति के संयोजक प्यारे हिंद ने कहा कि वर्ष 2007 में मातृ—पितृ पूजन दिवस की शुरुआत संत श्री आसाराम बापू की प्रेरणा से हुई थी। उन्होंने ही इस दिन की शुरुआत की। गीतकार राजकुमार ने कहा कि संत आसाराम बापू की प्रेरणा से शुरू हुआ कार्यक्रम आज जन—जन तक पहुंच गया है। उन्होंने सभी को एकजुट होकर ऐसे समारोह को मनाने की अपील की।