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पेट्रोल पंप कर्मी की हत्या से आक्रोशित ग्रामीणों ने लगाया जाम, एसपी से हुई नोकझोंक

खरीक/ नवगछिया (भागलपुर) : पुलिस जिला नवगछिया अंतर्गत शनिवार की सुबह तुलसीपुर स्थित श्याम पेट्रोल पंप के कर्मी मुकेश साह की हत्या से आक्रोशित ग्रामीण पुलिस को पंप के केबिन से शव उठाने नहीं दे रहे थे. साथ ही सटी सड़क पर जाम भी लगा दिया था. ग्रामीण लोगों की मांग थी कि पुलिस हत्यारों को अविलंब गिरफ्तार करे और मृतक के परिजनों को 25 लाख रुपये का मुआवजा दे. मौके पर पहुंचे नवगछिया एसपी पंकज सिन्हा ने
तुलसीपुर के आक्रोशित ग्रामीणों को समझाने का प्रयास भी किया. इस दौरान एसपी और ग्रामीणों में कुछ नोकझोक भी हुई.
एसपी पंकज सिन्हा ने कहा कि हत्यारों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जायेगा. आप लोग पुलिस को सहयोग करें. तभी मृतक के ससुराल खगड़िया जिला अंतर्गत पसराहा के डोयठा से आये उसके रिश्तेदारों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी और गाली गलौज शुरू कर दी और एसपी व अन्य पुलिस पदाधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार करने लगे. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए डोयठा निवासी मृतक के साले फंटुश कुमार और उसके चचेरे साले संतोष कुमार को हिरासत में ले लिया. 
वहीँ पेट्रोल पंप संचालक भूषण जी ने पुलिस के सामने मृतक के  परिजनों को दो लाख रुपये नकद देने की बात कही. साथ ही यह भी आश्वासन दिया कि 14 लाख रुपये बीमा की राशि दिलाने के लिए भी पहल की जायेगी. इसके बाद आक्रोशित ग्रामीण लोग शांत हुए. पुलिस ने मौका देख शव को टेंपो से पोस्टमार्टम के लिए नवगछिया अनुमंडलीय अस्पताल भेजा. सड़क पर रखे बोल्डर को हटाकर अवरूद्ध आवागमन को चालू कराया. इसके बाद हिरासत में लिये गये मृतक के रिश्तेदारों को मुक्त कर दिया गया. यह जाम लगभग पांच घंटे तक लगा रहा. 
जहां इस हत्या के कारणों का ठीक-ठीक पता नहीं चल पा रहा है. वहीँ गांव के कुछ लोगों का कहना है कि नकाबपोश हमलावर पेट्रोल पंप लूटने के लिए आये थे. जबकि मृतक के पिता विनोद साह का कहना है कि कुछ दिन पहले कुछ अपराधियों ने पेट्रोल पंप पर आकर मुकेश से उधार तेल मांगा था. एक-दो बार उसे तेल दे भी दिया था. जब वे लोग बार-बार पेट्रोल मांगने लगे, तो मुकेश ने विरोध किया था. मुकेश ने उनसे कहा था कि आप को तेल देने से मेरे तनख्वाह के पैसे कट जाते हैं, इसलिए मैं उधार तेल नहीं दे सकूंगा. उसी खुन्नस में अपराधियों ने उसकी हत्या कर दी. विनोद साह ने यह भी कहा कि मेरे बेटे की हत्या में पेट्रोल पंप के उसके सहकर्मियों की भी मिलीभगत है. 
इधर पेट्रोल पंप के सीसीटीवी कैमरे में नकाबपोश अपराधी कैद हैं. पुलिस फुटेज के सहारे नकाबपोश हत्यारों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. 
यह अलग बात है कि अपनी विश्वसनीयता और काम के प्रति समर्पण के कारण मुकेश अपने मालिक का चहेता बन गया था. अपने सहकर्मियों से भी उसका व्यवहार अच्छा था. गांव में  उसकी किसी से दुश्मनी नहीं थी. वह पांच साल से श्याम पेट्रोल पंप में काम कर रहा था.
परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने की वजह से मुकेश शुरू से ही परिवार की आर्थिक स्थिति को ठीक करने में लगा था. मुकेश अपने पीछे वृद्ध माता पिता, छोटा भाई अनिल, पत्नी कंचन देवी, पांच पुत्री ज्योति, दीपा, खुशी, अजनवी, लक्ष्मी और एक पुत्र ओमप्रकाश को पीछे छोड़ गया. ओमप्रकाश का 15 दिन पहले मुंडन संस्कार कराया था.