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नवगछिया: पानी से भी सस्ती हुई हरी सब्जियां, किसान हो रहे बेहाल


राजेश कानोडिया, नवगछिया (भागलपुर): आजकल हरी सब्जियों का हर कोई मुरीद है. यहां तक कि डॉक्टर भी अच्छी सेहत बनाये रखने के लिये हरी सब्जियां खाने को कहते हैं. जो अक्सर महँगी ही मिला करती है. लेकिन आपको यह जानकार काफी आश्चर्य होगा कि इन दिनों भागलपुर जिले के नवगछिया में
हरी सब्जियों के भाव काफी सस्ते हैं. जिसे आप यूँ भी कह सकते हैं कि यहाँ पानी से भी सस्ती है हरी सब्जी. चाहे परवल हो या करेला अथवा भिन्डी या झींगा (नेनुआ).
आजकल एक लीटर शुद्ध पानी की भी कीमत पंद्रह से बीस रुपये लगती है, लेकिन खुदरा बाजार में खुले रूप से हरी सब्जियां परवल, करेला, भिन्डी और झींगा की कीमत मात्र पांच से छः रुपये प्रति किलो रह गयी है. जबकि थोक भाव एक से दो रुपये किलो के ही हैं. जिसकी वजह से नवगछिया अनुमंडल में सब्जी किसानों की हालत खस्ता है. सब्जी किसानों को इन दिनों उचित बाजार नहीं मिल रहा है.
बताते चलें कि नवगछिया की विभिन्न मंडियों में बुधवार को परवल, भिन्डी, करेला और झींगा के मूल्य में भारी गिरावट रही. आवक अधिक होने से परवल की बोली एक रुपये किलो लगायी गयी. भिन्डी, करेला और झींगा के भी भाव लगभग यही रहे. किसानों ने कहा कि खून पसीने की मेहनत से उन लोगों ने परवल के पैदावार को बढ़ाया, लेकिन बाजार में सही भाव नहीं मिल रहा है जिसके कारण हमलोग आर्थिक समस्या से जूझ ने लगे हैं. हालात यह है कि इन दिनों मवेशियों को परवल खिलाया जा रहा है.
जदयू के इस्माइलपुर प्रखंड अध्यक्ष गुलशन कुमार अपने सहयोगी जदयू सचिव सिंटू कुमार अकेला और जदयू महासचिव सह मीडिया प्रभारी प्रभात कुमार के साथ जब जहान्वी चौक स्थित परवल हाट पहुंचे तो किसान और व्यपारी ने चारों तरफ से घेर लिया और अपनी खड़ी खोटी सुनाने लगे. किसान गीता देवी ने कहा कि परवल भाव में इतनी गिरावट हो गई है कि हम लोग खून के आंसू रो रहे हैं. हमने सरकार से ऋण लेकर खेती किया लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ. बाबू साहेब कउनो उपाय करो. वही हाट में आये रोहित कुमार, कृष्णा कुमार, मोहन मंडल, रुचि मंडल, पवन साह, सिकंदर ठाकुर ने कहा सरकार से हम लोग के लिए ऋण माफ करवायें, नहीं तो हम लोग बे मौत मर जायेंगे. भागलपुर से आए व्यापारी विपिन कुमार का कहना हुआ था कि परवल का बाजार अभी नहीं चल  रहा है.  अधिक भाव में परवल लेकर क्या करूंगा. इसी बात पर जदयू प्रखंड अध्यक्ष गुलशन कुमार ने किसानों को भरोसा दिलाया कि आप लोगों के लिए कृषि विभाग के उच्च पदाधिकारी को आवेदन सौपेंगे.
इस्माइलपुर प्रखंड के जदयू अध्यक्ष गुलशन कुमार का कहना है कि पिछले बार भी किसान बाढ़ का दंश झेल चुके हैं. इस बार इलाके में बड़ी संख्या में किसानों ने बैंकों व महाजनों से ऋण लेकर परवल की खेती की है. ऐसी स्थिति में अब किसान आत्महत्या के कगार पर हैं. वह किसानों की समस्याओं को लेकर जल्द ही पदाधिकारियों से मिलेंगे अगर ऋण की माफी नहीं की गई और किसानों को मुआवजा नहीं दिया गया तो वे मोर्चा खोलेंगे. अखिल भारतीय उद्योग व्यापार परिषद संगठन के बिहार सचिव प्रखंड इस्माइलपुर के जदयू महासचिव प्रभात कुमार ने चिंता व्यक्त की और कहा कि सरकार किसानों पर पूरा ध्यान दें. क्योंकि किसानों का हालत बिगड़ती जा रही है.