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जमीन व जलकर विवाद पर पुलिस ने किया जनसंवाद

नवगछिया (एन एन एन) : नवगछिया के बिनोवा दियारा इलाके में शनिवार को पुलिस के तेवर देख अपराधी अपनी मांद में दुबक गये. भागलपुर के एसएसपी मनोज कुमार के नेतृत्व में नवगछिया के एसडीपीओ मुकुल कुमार रंजन सहित दर्जनों पुलिस पदाधिकारी मोटरसाइकिल पर सवार होकर नवगछिया के वैसे दुर्गम दियारा इलाके में पहुंचे, जहां दिन में भी लोगों को जाने में डर लगता है. परबत्ता के छोटी परबत्ता, किरावली, 519 इस्माइलपुर के विनोबा दियारा, बरवारा दियारा सहित सबौर के कुल 11 हिस्से में भी पुलिस ने सघन छापेमारी की. इस अभियान में 45 मोटरसाइकिल के साथ दियारा के हर कोने को पुलिस ने खंगाला.  
 
इस्माइलपुर दियारा के विनोबा दियारा में जहां वर्ष 2009 में जमीन विवाद को लेकर नरसंहार की घटना हो चुकी है, में एसएसपी ने ग्रामीणों के साथ जनसंवाद कार्यक्रम किया. जमीन पर बैठकर पुलिस पदाधिकारियों ने ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं. पुलिस की इस अदा से ग्रामीण काफी खुश थे.  पुलिस पदाधिकारी ने कहा कि हम आपके पास आये हैं, कोई समस्या है, तो कहिए. ग्रामीणों ने बताया दियारा में हर रात अपराधियों के साये में गुजारनी पड़ती है.  

मौके पर दियारा के लोगों ने बताया कि यहां की जमीन और फसल को हम सींचते हैं, मगर उस पर हक अपराधियों का होता है, दियारा में होने वाली मुख्य फसल कलाय व मकई को अपराधी लूट लेते हैं.  दियारा में करीब 100 एकड़ जमीन पर कांग्रेसी मंडल का कब्जा है.  विनोबा दियारे से लेकर सबौर के कुछ हिस्से में कांग्रेसी मंडल जमीन पर कब्जा कर फसल रख लेता है.  

पुलिस ने दियारा के जलकर विवाद को लेकर भी लोगों से बात की. कोल ढाब, डिमहा जलकर, इस्माइलपुर स्थित जलकर को लेकर भी लोगों से राय ली. बता दें कि भागलपुर और कहलगांव या शहर के गंगा दियारा में कमांडो यादव व उसके गिरोह के अपराधियों का भी दबदबा है. कमांडो लंबे अरसे से फरार है. इन दिनों वह नवगछिया पुलिस के टॉप टारगेट पर है. एसएसपी ने कहा अपराधी सलाखों के पीछे जायेंगे. 

दियारा में पुलिस की छापेमारी को देख जहां लोगों में खुशी थी. वही पुलिस भी अपनी छवि सुधारने में लगी हुई थी. एसएससी ने बच्चों के बीच टॉफी और बिस्कुट बांट कर अपनापन जताते हुए कहा कि आपकी सेवा के लिए पुलिस सदैव तैयार है. अपराधियों की गिरफ्तारी आपके सहयोग के बिना संभव नहीं है. 

नवगछिया व भागलपुर पुलिस ने संभवत: पहली बार इस तरह की कार्रवाई की है. इससे दियारा के किसानों में सुरक्षा का भाव जगा है. किसानों का कहना है कि पुलिस के साथ उन लोगों का संवाद पहली बार सुलभता से स्थापित हो पाया है. अगर इस तरह की कार्रवाई माह में तीन-चार बार हो जाये, तो हम भयमुक्त होकर अपने खेतों में हल चला सकेंगे और फसलों को घर ला सकेंगे.