भागलपुर जिला के गोपालपुर अंचल अंतर्गत पड़ने वाले तिनटंगा घाट फेरी सेवा एवं तिनटंगा आढ़त खुट्टा गड़ाय की बंदोबस्ती अब तक नहीं हो सकी है। जिसकी बंदोबस्ती गलत तरीके से कहलगांव अंचल की सीमा में दिखाते हुए की जा सकती है। जिसका विरोध भी लगातार जारी है। जिसकी वजह से इस साल इसकी बंदोबस्ती अब तक नहीं हो पायी है।
इस घाट की वर्ष 2014-15 की बंदोबस्ती के लिए फरवरी 2014 में विज्ञापन भी निकाला गया था। जिसके आधार पर समाहर्ता भागलपुर के कार्यालय में 21 फरवरी, 24 फरवरी तथा 25 फरवरी 14 को यह डाक संभव नहीं हो पायी। इसके बाद पुनः इसके लिए 18 जून, 21 जून और 28 जून की तिथि निर्धारित हुई। फिर भी यह बंदोबस्ती इसलिए नहीं हो सकी कि अब तक भी इसका सही अंचल का निर्धारण नहीं हो सका। जबकि इसके सही अंचल के निर्धारण के लिए गोपालपुर नाव यातायात स्वावलंबी सहकारी समिति लिमिटेड द्वारा कई बार जिला प्रशासन से आवेदन सहित गुहार लगायी गयी है। जिसका अंतिम आवेदन 28 जून को भी अपर समाहर्ता भागलपुर को दिया गया है। अब इस बंदोबस्ती के गलत अंचल निर्धारन के साथ किसी भी कार्य दिवस में सम्पन्न हो जाने की आशंका जतायी जा रही है।
इस मामले की जानकारी देते हुए गोपालपुर नाव यातायात स्वावलंबी सहकारी समिति लिमिटेड के शैलेंद्र कुमार यादव एवं मनोज कुमार यादव के अनुसार इस मामले की गुहार जिलाधिकारी भागलपुर के अलावा मुख्य सचिव तथा प्रधान सचिव से भी लगाई गयी है।
जबकि जिला प्रशासन ने इस क्षेत्र की जांच शाहकुंड के अमीन को सौंपी तो उसने भी इसे गोपालपुर अंचल का क्षेत्र करार दिया है । इसके अलावा गोपालपुर के अंचल अधिकारी ने भी इस क्षेत्र को जांचोपरांत अपर समाहर्ता को प्रेषित पत्र में इसे गोपालपुर का ही क्षेत्र बताया है। इसके बावजूद इसकी बंदोबस्ती कहलगांव अंचल क्षेत्र में दिखाते हुए की जा रही है।जिसकी वजह से स्थानीय क्षेत्र के लोग इससे वंचित हो जाएँगे। जबकि वर्षों पहले भी इसकी बंदोबस्ती गोपालपुर अंचल क्षेत्र के अधीन ही होती रही है।
इधर डॉ0 पंकज कुमार झा जिला सहकारिता पदाधिकारी सह सहायक निबंधक सहयोग समितियां नवगछिया अंचल द्वारा भी गोपालपुर नाव यातायात स्वावलंबी सहकारी समिति लिमिटेड के कागजातों की जांच कर गोपालपुर प्रखण्ड अंतर्गत घाटों एवं खुट्टा गड़ाई हेतु अनुशंसा प्राप्त है।