मुस्लिम धर्म का पाक रमजान महीना चांद दिखने के बाद सोमवार से शुरू हो रहा है। इसे लेकर मुस्लिम समाज के लोग खासे उत्साहित हैं। घरों में रमजान की तैयारियां तेज हो गई हैं। उधर मस्जिदों में भी रविवार को सफाई की गई। बाजारों में चहल-कदमी बढ़ गई है।
इस्लाम धर्म के अनुसार रमजान माह में एक नेक काम के बदले चौबीस गुना से सत्तर गुना पुण्य लाभ मिलता है। भूखे को खाना खिलाने से अल्लाह अपने बंदों पर रहमतें बरसाता है।
ये अल्लाह ताला की रहमतों और इनायतों का खास महीना है। इस महीने के आते ही इबादत व अताअत का नूरानी माहौल होने लगता है। इसका एहतराम करने वाले को अल्लाह तआला इनामात से नवाजता है। इस महीने की आमद का इंतजार हर मुसलमान को रहता है।
रमजान खैरोबरकत और रहमत के नुजूल का महीना है। इस महीने में मुसलमानों को इबादत और कुरआन की तिलावत में सरफ करना चाहिए।
रमजान माह शुरू होते ही बाजार में रोजों के दौरान सहरी व इफ्तार में उपयोग की जाने वाली सामग्री सिंवई, खजूर, फल मेवा आदि की बिक्री बढ़ गयी है। बाजारों में खाद्य सामग्री की दुकानें सज गई हैं। पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार पांच से दस फीसद महंगाई बढ़ी है। जिस खजूर की पैकिंग का डिब्बा पिछले वर्ष 50 रुपये का था। वह अब 55 से 60 रुपये का बिक रहा है। सिंवई 70 रुपये पैकेट में बिक रहा है। जो पिछली वर्ष 55 से 60 रुपये का बिका था।