आंध्रप्रदेश के आबकारी मंत्री मोपिदेवी रमन्ना पर आरोप है कि कैबिनेट के फैसले की अनदेखी करते हुए मंत्री ने बंदरगाह और इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के निर्माण में लगी वानपिक पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को कई छूट और सुविधाएं दीं। बदले में कंपनी के प्रमोटर्स ने जगन मोहन रेड्डी की कंपनी में 520 करोड़ रुपए लगाए। सीबीआई ने आरोपी आबकारी मंत्री रमन्ना को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया। कोर्ट ने रमन्ना को 5 दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया है।
जांच एजेंसी मंत्री को इस मामले में अभियुक्त बनाना चाहती है। उनकी गिरफ्तारी के बाद जगन की भी गिरफ्तारी की संभावना तेज हो गयी है। जगन को सीबीआई ने शनिवार यानी आज 25 मई को पूछताछ के लिए बुलाया है।
आय से अधिक संपत्ति के सामने में गिरफ्तारी की आशंका के मद्देनजर जगन मोहन रेड्डी ने अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी लेकिन अदालत ने उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। सीबीआई ने जगन को पूछताछ के लिए शुक्रवार को तलब किया है। हंगामे की आंशका को देखते हुए हैदराबाद में धारा 144 लागू कर दी गई है। जगन पर कसते शिकंजे के बीच राज्य में सियासत तेज हो गई है।
उधर टीडीपी ने उन सभी मंत्रियों की गिरफ्तारी की मांग की है जो सीबीआई जांच के दायरे में हैं। जगन मोहन रेड्डी ने आंध्र प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। वो गुरुवार को गुंटूर में प्रचार अभियान पर थे। सवाल ये है कि क्या वो शुक्रवार को खुद सीबीआई के सामने पेश होंगे या फिर कार्रवाई का इंतजार कर सियासी ड्रामा खड़ा करने की कोशिश करेंगे।