भूतलीय जल से खतरनाक तत्व आर्सेनिक हटाने के लिए फिटकिरी एक अच्छा साधन नहीं हो सकता है। कारण कि यह आर्सेनिक हटाता है तो जल में अल्युमिनियम की मात्रा को बढ़ा देता है। जिससे अलजामिर यानि यादें भूलने की बीमारी होने की संभावना बनी रहती है। इसीलिए पानी से आर्सेनिक हटाने के लिए फिटकिरी का उपयोग स्वास्थ्यप्रद नहीं है। उपरोक्त बातें व्याख्यान माला में सम्मानित अतिथि पूर्व विभागाध्यक्ष पीजी रसायन प्रो. डॉ. विवेका नन्द मिश्र ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कही। इस मौके पर अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक सह इंडियन केमिकल सोसायटी के सचिव प्रो. डीसी मुखर्जी ने गजाधर भगत महाविद्यालय नवगछिया के रसायन शास्त्र विभाग द्वारा मंगलवार को प्रायोजित तिलकामांझी भागलपुर विश्र्वविद्यालय गोल्डेन जुबली पोपुलर लेक्चर सीरीज का दूसरा व्याख्यान दिया। जो 21वीं सदी में भौतिक रसायन की मात्रा एवं समाज में उपयोग पर आधारित था। इस दौरान उन्होंने एक प्रयोग करके भी दिखाया। इस मौके पर डीके दास, फिरोज अहमद, राज कुमार, शिव शंकर मंडल, रामदेव यादव, आशा जयसवाल, रणविजय यादव एवं सैकड़ों छात्र मौजूद थे। कार्यक्रम के दौरान डॉ. डीके मिश्रा ने आगत अतिथियों का स्वागत किया। आयोजन सचिव प्रो. अशोक कुमार झा एवं प्राचार्य डॉ. अरूण कुमार मिश्रा ने कुलपति के प्रति आभार व्यक्त किया।