कहने को तो नवगछिया में अनुमंडलीय अस्पताल है। लेकिन सुविधाएं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जैसी है। भवन के अभाव में सौ शैय्या का मामला तीस पर ही अटका है। नर्सो की कमी के कारण तीन नर्सो पर बीस-बीस महिलाओं के प्रसव का जिम्मा है।
करते हैं पीएचसी की ड्यूटी
अनुमंडलीय अस्पताल के चिकित्सकों को हमेशा पीएचसी के कार्यो में लगाया जाता है। इससे रोगियों को परेशानी होती है। आते हैं अनुमंडल भर के रोगी इस अनुमंडलीय अस्पताल में पूरे नवगछिया अनुमंडल भर के रोगी के आलाव सीमावर्ती जिले के रागी भी इलाज हेतु आते हैं। जहां प्रतिदिन 200 से 300 मरीज देखे जाते हैं। गंभीर रूप से जख्मी एवं अन्य रोगियों को सीधे भागलपुर रेफर कर दिया जाता है।
चिकित्सकों की कमी
इस अनुमंडलीय अस्पताल में चिकित्सकों के 16 पद हैं। जहां कुल दो ही चिकित्सक कार्यरत हैं। ड्रेसर का दोनों पद खाली है। कंपाउंडर भी तीन की जगह मात्र एक ही है। नर्स 25 की जगह चार हैं। इनमें से एक के जिम्मे टीकाकरण का कार्य है। शेष तीन नर्सो पर बीस-बीस प्रसव एवं अन्य कार्य का जिम्मा है।
नहीं है नेत्र चिकित्सक
इस अस्पताल में पदस्थापित नेत्र चिकित्सक वेतन तो यहां से लेते हैं। परन्तु प्रतिनियुक्ति के तहत सेन्ट्रल जेल में कार्यरत हैं। जबकि वहां स्थायी चिकित्सक भी हैं।
महिला चिकित्सक की कमी
इस अस्पताल में जहां रोजाना लगभग बीस प्रसव कराया जाता है। वहां मात्र एक ही महिला चिकित्सक पदस्थापित है। जहां रात्रि ड्यूटी में महिला चिकित्सक के अभाव में भारी परेशानी होती है।
ब्लड बैंक है बंद
लेब टेक्नीशियन एवं चिकित्सा पदाधिकारी के प्रशिक्षण के अभाव में ब्लड बैंक के सारे सामान बेकार साबित हो रहे हैं।
दवाओं का अभाव
यहां उल्टी की दवा, आवश्यक जीवन रक्षक दवा, दर्द निवारक सूई इत्यादि का अभाव बना रहता है। इसके अलावा मलेरिया जांच की किट भी उपलब्ध नहीं है।
करते हैं पीएचसी की ड्यूटी
अनुमंडलीय अस्पताल के चिकित्सकों को हमेशा पीएचसी के कार्यो में लगाया जाता है। इससे रोगियों को परेशानी होती है। आते हैं अनुमंडल भर के रोगी इस अनुमंडलीय अस्पताल में पूरे नवगछिया अनुमंडल भर के रोगी के आलाव सीमावर्ती जिले के रागी भी इलाज हेतु आते हैं। जहां प्रतिदिन 200 से 300 मरीज देखे जाते हैं। गंभीर रूप से जख्मी एवं अन्य रोगियों को सीधे भागलपुर रेफर कर दिया जाता है।
चिकित्सकों की कमी
इस अनुमंडलीय अस्पताल में चिकित्सकों के 16 पद हैं। जहां कुल दो ही चिकित्सक कार्यरत हैं। ड्रेसर का दोनों पद खाली है। कंपाउंडर भी तीन की जगह मात्र एक ही है। नर्स 25 की जगह चार हैं। इनमें से एक के जिम्मे टीकाकरण का कार्य है। शेष तीन नर्सो पर बीस-बीस प्रसव एवं अन्य कार्य का जिम्मा है।
नहीं है नेत्र चिकित्सक
इस अस्पताल में पदस्थापित नेत्र चिकित्सक वेतन तो यहां से लेते हैं। परन्तु प्रतिनियुक्ति के तहत सेन्ट्रल जेल में कार्यरत हैं। जबकि वहां स्थायी चिकित्सक भी हैं।
महिला चिकित्सक की कमी
इस अस्पताल में जहां रोजाना लगभग बीस प्रसव कराया जाता है। वहां मात्र एक ही महिला चिकित्सक पदस्थापित है। जहां रात्रि ड्यूटी में महिला चिकित्सक के अभाव में भारी परेशानी होती है।
ब्लड बैंक है बंद
लेब टेक्नीशियन एवं चिकित्सा पदाधिकारी के प्रशिक्षण के अभाव में ब्लड बैंक के सारे सामान बेकार साबित हो रहे हैं।
दवाओं का अभाव
यहां उल्टी की दवा, आवश्यक जीवन रक्षक दवा, दर्द निवारक सूई इत्यादि का अभाव बना रहता है। इसके अलावा मलेरिया जांच की किट भी उपलब्ध नहीं है।