भागलपुर: गंगा नदी पर नये रेल पुल सहित बिक्रमशिला कटरिया नई लाईन का किया जायेगा निर्माण- रेल मंत्री
राजेश कानोड़िया (नव-बिहार समाचार), नवगछिया/हाजीपुर। भारत सरकार के रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे बोर्ड से वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने तकरीबन 24,657 करोड़ रुपये की कुल अनुमानित लागत के साथ रेल मंत्रालय की 8 परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इनमें बिहार में भागलपुर के पास गंगा नदी पर एक नये रेल पुल का निर्माण भी शामिल है ।
माननीय रेल मंत्री जी ने बताया कि 2549 करोड़ की लागत से बिहार में भागलपुर के पास गंगा नदी पर 26 किमी लंबे बिक्रमशिला-कटरिया नई लाईन के निर्माण की मंजूरी श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा दी गयी है। इस परियोजना में गंगा नदी पर 2.44 किमी लंबी डबल लाइन वाली पुल का भी निर्माण किया जायेगा । वर्तमान में बक्सर से राजमहल तक लगभग 450 किमी की लंबाई में बिहार में गंगा नदी पर अभी मात्र 03 पुल है जो पूरी तरह सैचुरेटेड है। इस परियोजना द्वारा गंगा नदी पर एक अतिरिक्त मेगा ब्रिज के निर्माण से नार्थ बिहार, पश्चिम बंगाल एवं नार्थ ईस्ट से दक्षिण बिहार, झारखंड एवं उड़ीसा के बीच गतिशीलता (Mobility) में वृद्धि होगी ।
बिक्रमशिला-कटरिया नई लाईन परियोजना में बिक्रमशिला स्टेशन भागलपुर-साहिबगंज रेलखंड तथा कटरिया स्टेशन कटिहार-बरौनी रेलखंड पर स्थित है। इस परियोजना के तहत गंगा नदी नदी पर बनने वाला रेल पुल वाई आकार का होगा जो उत्तर दिशा में कटरिया और नवगछिया तथा दक्षिण दिशा में विक्रमशिला और शिवनारायणपुर स्टेशनों को जोड़ेगी । इस पुल के निर्माण होने से बिहार के कोसी और सीमांचल क्षेत्र का अंग क्षेत्र से सीधा जुड़वा होगा। इस परियोजना को 2030-31 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है । इस परियोजना द्वारा 22 लाख मैन डे का सृजन होगा जिससे इस क्षेत्र के लोगों को रोजगार के नये अवसर मिलेंगे । इस परियोजना के पुरा हो जाने से 95 करोड़ किलो कार्बन उत्सर्जन में कमी आयेगी जो लगभग 3.8 करोड़ वृक्ष के बराबर होगा ।
विदित हो बिहार, ओडिशा, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, झारखंड, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल इन सात राज्यों के 14 जिलों को कवर करने वाली 8 परियोजनाएं भारतीय रेल के मौजूदा नेटवर्क को 900 किलोमीटर तक बढ़ा देंगी। नई लाइनों के ये प्रस्ताव सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेंगे और गतिशीलता में सुधार करेंगे, जिससे भारतीय रेल को बढ़ी हुई दक्षता और सेवा विश्वसनीयता मिलेगी। ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नए भारत के विजन के अनुरूप हैं, जो इस क्षेत्र के लोगों को व्यापक विकास के जरिए “आत्मनिर्भर” बनाएगी, जिससे उनके रोजगार/स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे। ये परियोजनाएं मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम हैं, जो एकीकृत योजना के जरिए संभव हुआ है और लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।