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श्रीरामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किया जाए- स्वामी आगमानंद

श्रीरामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किया जाए- स्वामी आगमानंद 
नव-बिहार समाचार, नवगछिया भागलपुर। अनुमंडल के खगड़ा ग्राम में चल रहे नौ दिवसीय श्री शतचंडी महायज्ञ और श्री रामकथा महायज्ञ के छठे दिन श्री शिवशक्ति योगपीठ के पीठाधीश्वर परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज ने कहा कि श्रीरामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किया जाए। क्योंकि इस ग्रंथ से सभी समाज को आदर्श दिशा निर्देश मिलता है। इसके अध्ययन और अनुशरण से हर मानव और देश का कल्याण संभव है। 
मौके पर बलवीर सिंह बग्घा, माधवानंद ठाकुर, पवन दुबे ने भक्ति संगीत की धारा बहा दी। भगवान राम के बाल लीला पर भजनों को सुनकर सभी थिरकने लगे। श्री रामचंद्राचार्य परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज ने सीता जन्म की कथा सुनाई। स्वामी आगमानंद ने कहा कि भगवान राम ने विद्या अध्ययन के दौरान कई का उद्धार किया। उपनयन संस्कार की कहानी सुनाई। उन्होंने कहा कि राम स्वयं भगवान विष्णु हैं, इसके बावजूद उन्होंने इस धरा में मानव के रूप में सारे कार्य किए। कभी भी उन्होंने अपनी शक्ति का लोगों का एहसास नहीं कराया। उन्होंने कहा कि आज थोड़ा सा किसी को पैसा हो जाए या प्रतिष्ठा मिल जाए तो उन्हें अहंकार आ जाता है। इसलिए आज के समय में भगवान राम के जीवन से हमें ज्यादा सीख लेने की जरुरत है। वे मर्यादा पुरूषोत्तम हैं। वे सबको साथ लेकर चले। इसलिए आज रामराज की हर जगह चर्चा होती है। राम एक आदर्श राजा थे। वे वसुधैव कुटुंबकम् के पोषक थे। अष्टमी को होगा सुंदरकांड पाठ
मंगलवार को महाष्टमी के दिन कथा मंडप पर दो बजे से सुंदरकांड पाठ  होगा। भजन सम्राट प्रो हिमांशु मोहन मिश्र दीपक जी, प्रो डा. मिहिर मोहन मिश्र सुमन जी और दिलीप शास्त्री सुंदर कांड पाठ करेंगे। बुधवार को रामनवमी है। इस दिन यहां भगवान राम का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। साथ ही स्वामी आगमानंद जी महाराज का भी अतवरण दिवस मनाया जाएगा।