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अहंकारी मानव की रक्षा कोई नहीं करता है- स्वामी आगमनंद जी महाराज

अहंकारी मानव की रक्षा कोई नहीं करता है- स्वामी आगमनंद जी महाराज 
नव-बिहार समाचार, नवगछिया। खगड़ा में चल रहे नौ दिवसीय श्री शतचंडी महायज्ञ और श्री रामकथा महायज्ञ के चौथे दिन सुबह प्रवचन करते हुए श्री रामचंद्राचार्य परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज ने कहा कि अहंकार को त्यागें। अहंकारी मानव की रक्षा कोई नहीं करता है। यहां तक कि किसी संत या ईश्वर को भी जब अंहकार होता है, ईश्वर उन्हें भी छोड़ते। इसके अलावा आधी-अधूरी जानकारी वाले लोगों से परहेज करें। क्योंकि ऐसे लोगों को ब्रह्मा जी भी नहीं समझा सकते। कथा के दौरान स्वामी आगमानंद जी ने भगवान राम सहित चारों भाइयों की बाल लीला की चर्चा की। कहा कि सुंदर बाल रूप देखकर सभी अयोध्या वासी गदगद थे। ईश्वर भी उनके दर्शन को आते थे। इस दौरान ठुमक चलत रामचंद्र, बाजत पैंजनियां गीत पर सभी झूम उठे। 
आगमानंद जी ने कहा कि बड़े भाग मानुष तनु पावा। सुर दुर्लभ सब ग्रंथन्हि गावा॥ इस बात का सभी को ध्यान देने की जरुरत है। ईश्वर ने हमें मानव जीवन दिया है, इसका सदुपयोग करें। लोगों की सेवा करें। ईश्वर के साक्षात्मकार के लिए अपने-आपको समर्पित कर दें। प्रत्येक मानव, जीव, पशु-पक्षी यहां तक कि पितर और किन्नर में भी ईश्वर का वास है। उन्होंने कहा कि तुलसीदास ने श्रीरामचरितमानस में कहा है- मन हरष सभ गंधर्ब सुर मुनि नाग किंनर दुख टरे॥ स्वामी आगमानंद जी ने गंगा की चर्चा करते हुए कहा कि यह पवित्र नदी हमेशा अपनी धारा बदलती है। भागलपुर होकर जो गंगा बहती है वह जाह्नवी कहा जाता है। उन्होंने कहा कि राम कथा कहने और सुनने का बहुत लाभ है। यह राम भक्ति की गंगा है। यज्ञ मंडप का भ्रमण करने और वहां स्थापित देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का दर्शन करने सुबह से काफी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। 
स्वामी आगमानंद जी से लिया अशीर्वाद
यज्ञ में शामिल होने भागलपुर, नवगछिया, बांका, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा व खगड़िया से काफी संख्या में लोग पहुंचे। लोगों ने उनसे आशीर्वाद लिया। रामनवमी के दिन 17 अप्रैल को कथा का समापन होगा। अंतिम दिन स्वामी आगमानंद जी महाराज का यहां जन्मोत्सव मनाया जाएगा। आयोजन समित व खगड़ा के लोगों ने वहां पूरी तैयारी कर ली है। सुबह से लेकर रात 10 बजे तक समारोह होंगे। गुरु चंदन बंदना की जाएगी। गुरु पूजन होगा। कई विद्वानों का वहां आएंगे। स्वामी आगमानंद जी महाराज का जन्म रामनवमी के दिन नवगछिया के नगरह में हुआ है। इस कारण घर में लोग उन्हें रामू कहकर पुकारते हैं।