Ramotsav: राम सबके आदर्श हैं : परमहंस स्वामी आगमानंद
Nav bihar news: श्री उत्तरतोताद्रि मठ विभीषणकुंड अयोध्या के उत्तराधिकारी श्री रामचंद्राचार्य परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज ने कहा कि अयोध्या का राम मंदिर सभ्यता की पुनःप्राप्ति का प्रतीक सिद्ध होगा। कहा कि-राम और रामायण भारतीय सनातन संस्कृति का हिस्सा है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा क्षतिग्रस्त राष्ट्रीय भावना के पुनरुत्थान जैसा है। वर्तमान समय में राम की प्रासंगिकता के बारे में कहा कि लोग राम की पूजा सफलता के लिए नहीं, बल्कि उस शालीनता के लिए करते हैं जिसके साथ उन्होंने सबसे कठिन क्षणों का सामना किया। लोग 500 वर्षों से अधिक समय से राम मंदिर की प्रतीक्षा कर रहे हैं, इसलिए देश में जबरदस्त उत्साह है। पूरे अभियान को देश के आम लोगों ने संभाला है। लोगों की शालीनता और सौहार्द को देखिए, भावना को देखिए और धैर्य को देखिए। भारत में राम राज्य की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए स्वामी आगमानंद ने इस बात पर ज़ोर दिया कि राम का प्रशासन अब तक का सबसे करुणापूर्ण व सबसे न्यायपूर्ण प्रशासन माना जाता था। सर्वोत्तम प्रशासित और सर्वथा न्यायपूर्ण राज्य का अर्थ है राम राज्य। जब हम राम राज्य कहते हैं, तो हमारा मतलब न्यायपूर्ण राज्य से होता है, न कि एक शोषणकारी व अत्याचारी राज्य से। हम भारत को यही बनाना चाहते हैं। इसके लिए, आपको राम की आवश्यकता है। वहीं, सोमवार को जिस समय अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम हो रहा था, उसी समय श्री शिवशक्ति योगपीठ नवगछिया में रामचरितमानस का पाठ किया जा रहा है। दिन भर पाठ होता रहा। प्रसाद व भंडारा चलता रहा।