श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन: अपने माता-पिता की आज्ञा का पालन करना चाहिए - अनुराग कृष्ण शास्त्री
नव-बिहार समाचार, नवगछिया। स्थानीय बाल भारती विद्यालय में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के सातवें व विश्राम दिन गुरुवार को श्रीधाम वृंदावन से आए वैदिक पथिक भागवतकींङ्गकर श्री अनुराग कृष्ण शास्त्री उर्फ श्री कन्हैया जी ने अपने भागवत कथा में सुदामा चरित्र, श्री शुकदेव विदाई का वर्णन किया। उसके बाद व्यास पुजन कर कथा का विश्राम किया। मिडिया प्रभारी अशोक केडिया ने बताया कि भागवत कथा के विश्राम के बाद आज शुक्रवार को हवन पूर्णाहुति का कार्यक्रम होगा।
अनुराग कृष्ण शास्त्री ने भागवत कथा के अन्तिम दिन कहा - खाटू श्याम प्रभु ब्रह्मचारी हैं, हारे हुए का साथी है भगवान। जब तक जीव को अपना बल होगा तब तक भगवान नहीं आ सकते। भगवान हारे के साथी हैं। निर्बल के बल हैं राम। "अपने माता-पिता का सम्मान करना चाहिए, जो अपने माता-पिता की आज्ञा का पालन करता है, वह जीवन में कभी दुखी नहीं होता।" कथा के अंतिम दिन श्रोतागणो की उमड़ी भीड़। बिहार के कोने-कोने के अलावा नेपाल से भी पहुंचे थे श्रोतागण। शास्त्री जी ने कथा के बीच "ओ पालनहारे निर्गुण ओ न्यारे तुम्हारे बिन हमरा कोनो नहीं", "तू मेरा यार है मेरा दिलदार है काली कमली वाला मेरा यार है" आदि भजनो से श्रोताओ को खुब झुमाया।
श्रीमद्भगवत कथा के आयोजन को सफल बनाने में अमित अग्रवाल, मुकेश चिरानिया, रितेश मांवडिया, अशोक केडिया, आदित्य सरार्फ, अमन सरार्फ, श्रीधर महाराज, विक्रम शर्मा, विश्वास शर्मा, राकेश चिरानियाँ, नीरज केजरीवाल, केशव सरार्फ, पंकज सर्राफ, अमित चिरानिया, विशाल चिरानिया, मुरारी चिरानियाँ, बिकाश चिरानियाँ, मानस कुमार, वरुण केजरीवाल, विकास मावंडिया, शैला चिरानिया, रुचि सर्राफ, प्रिती चिरानियाँ, ममता मावडिया, सुचिता अग्रवाल सक्रियता देखी गई।