सजी अयोध्या वैकुंठ के रंग - निकेश पांडेय
सजी अयोध्या वैकुंठ रंग,
श्री राम सुवासित विश्व आलंब.
धारण धरा सनातन मृदंग
उत्सव भारत जन मोहित है.
यह क्रांति चहु जो शोभित है,
मधुमय बहुरंग जन मोहित है.
शंखध्वनि विमल आनंद चित,
राघव अभिनन्दन जागृत है.
शक्ति अध्यात्म अप्लावित है,
सुसुप्त समाज अब जागृत है.
घर घर धव्ज श्री शोभ रही,
वंदन श्री राम अभिनन्दन है.
हर्षित है कवि चकित भी है,
ऐसा अद्वेग हरि पद की है.
रघुनन्दन प्रेम गंगा निखरी
हर जन राम अनुरंजित है.
मन कहे चलो अयोध्या धाम,
स्थापित विग्रह करुणानिधन.
मानस नमन निवेदित कर.
श्रीधाम मनन यहीं से है.
सियाराम मय जग की पंक्ति,
चरितार्थ सुवासित प्रलक्षित है.
जीवन परिचय प्रकाश वृहत,
दर्शन नव पीढ़ी प्रमाणिक है.
जय श्री राम, सिया पति राम.
रघुकुल नंदन,श्री भगवान.
सुत कौसल्या, गौरव दसरथ के,
भारत जनमन सबके राम..
निकेश पांडेय,
दिल्ली।