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जन्म जन्मांतर के पुण्य एकत्रित होने पर ही मिलता है सत्संग का लाभ- स्वामी आगमानंद

जन्म जन्मांतर के पुण्य एकत्रित होने पर ही मिलता है सत्संग का लाभ- स्वामी आगमानंद
नव-बिहार समाचार, भागलपुर। इस स्वतंत्रता दिवस पर श्रीशिवशक्ति योगपीठ नवगछिया में स्वामी आगमानंद जी महाराज ने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया। जहां कई संत एवं पंडित तथा आचार्य मौजूद थे।
 इसके बाद 15 अगस्त की संध्या भागलपुर के रंगनाथ मंदिर में भजन एवं सत्संग का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम उत्तरतोताद्रि मठ विभीषणकुंड अयोध्या के उत्तराधिकारी व श्रीशिवशक्तियोगपीठ नवगछिया के पीठाधीश्वर श्री रामचंद्राचार्य परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज के पावन सानिध्य में आयोजित हुआ। मौके पर स्वामी आगमानंद जी ने कहा कि जब जन्म जन्मांतर का पुण्य एकत्रित होता है तभी सत्संग का लाभ मिलता है। सत्संग से ही ईश्वर प्रसन्न होते हैं। सत्संग सुनने और करने वालों पर ईश्वर का आशीर्वाद और कृपा बनती है। उन्होंने कहा कि भगवान के मंत्रो को कोई भी ले सकता है। 
स्वामी आगमानंद जी ने कहा कि ईश्वर को हमेशा भजते रहें। आपका हरेक कार्य भगवान और राष्ट्र को समर्पित हो। स्वतंत्रता दिवस की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भारत का स्वरूप माता के जैसा है। इसलिए सभी को भारत माता की सेवा करनी चाहिए। भजु मन श्री गोदा रंगेश भजन‌ गाकर स्वामी आगमानंद जी महाराज ने सभी को भक्तों को भावविभोर कर दिया।
कार्यक्रम के दौरान भजन गायक अरविंद कुमार यादव, बलबीर सिंह बग्घा, सोनी पांडेय, समीर पांडेय, गुड्डू सिंह, वेदनंद राय, प्रशांत ने एक से बढ़कर एक भजन और गुरुवंदना प्रस्तुत किया। इस दौरान डा मनोज कुमार लिखित तिरंगा का इतिहास का विमोचन स्वामी आगमानंद जी महाराज सहित अन्य विद्वानों ने किया। हरिवंश मणि सिंह ने स्वतंत्रता और अखंड भारत की चर्चा की। पंडित प्रेम शंकर भारती ने स्वतंत्रता सेनानी खुदी राम बोस की बलिदान को याद किया। पंडित शंभू नाथ शास्त्री ने कहा कि स्वामी आगमानंद जी एक ऐसे संत हैं जो अद्वितीय हैं। सबसे समान प्रीति रखते हैं। उन्होंने वैष्णव और रामानुज संप्रदाय की जानकारी दी। दूसरों के लिए जिन्होंने अपना जीवन समर्पित किया वही वैष्णव है। 
मौके पर गीतकार कवि राजकुमार ने कहा कि स्वामी आगमानंद जी एक ऐसे संत हैं, जिन्होंने अपने भक्तों का कल्याण किया है। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर योगी अरविंद को याद करते हुए कहा 15 अगस्त को उनकी जयंती है, और उनका जीवन अखंड भारत के लिए समर्पित रहा है। इस अवसर पर रंगनाथाचार्या, कुंदन बाबा, मनोरंजन कुमार सिंह, स्वामी प्रेमानंद जी, स्वामी मनवानंद जी ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर डा. विजय कुमार वर्मा, प्रभात कुमार सिंह, सुमित भगत, रामबालक भाई, विनय सिंह परमार, नयन संह, दीपक यादुका, सत्यम, सत्यजीत, सौरभ, युवराज सिंह आदि मौजूद थे।