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सच्चे और पूर्ण गुरु का सानिध्य अगर मिल जाए तो शिष्य का कल्याण हो जाता है- स्वामी आगमानंद

सच्चे और पूर्ण गुरु का सानिध्य अगर मिल जाए तो शिष्य का कल्याण हो जाता है- स्वामी आगमानंद
नव-बिहार समाचार, नवगछिया (भागलपुर)। संयम, सेवा, स्वाध्याय, सत्संग और समर्पण के पर्व गुरु पूर्णिमा के अवसर पर श्री शिवशक्ति योगपीठ के पीठाधीश्वर सह उत्तरतोताद्रि मठ विभीषणकुंड अयोध्या के उत्तराधिकारी परमहंस स्वामी आगमानंदजी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म विश्व कल्याण की बात करता है। हमें अपने संस्कारों को आत्मसात करते हुए खुद को सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति के लिए समर्पित कर देना चाहिए। उन्होंने आगे कहा, "सच्चे और पूर्ण गुरु का सानिध्य अगर शिष्य को मिल जाए तो शिष्य का कल्याण हो जाता है। उन्होंने सभी की मंगल कामना करते हुए सबको आशीष प्रदान किया। साथ ही सनातन धर्म, संस्कृति के लिए समर्पित करने का आह्वान भी किया। उन्होंने आयोजन के दूसरे दिन भी गुरु पूर्णिमा को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने का आह्वान किया।"

नवगछिया स्थित बनारसी लाल सर्राफ वाणिज्य महाविद्यालय के प्रांगण में सोमवार की अहले सुबह से ही भक्तों और धर्मावलंबियों की कतार शुरू हो गई थी। भारी बारिश के बावजूद गुरु परिवार के सदस्य हजारों की संख्या में कतार में डटे रहे। जिनके मन में बस एक ही आस थी गुरु आगमानंदजी महाराज का दर्शन-पूजन। 
इस दौरान आयोजन स्थल पर भव्य प्रशाल गुरुदेव के जयकारों से गूंजता रहा। महिला-पुरुष, बच्चे, युवा, बुजुर्ग श्रद्धालुओं की कतार सुबह 5:00 बजे जो लगी, वो देर रात तक लगी रही। आगमानंदजी महाराज ने अपने शिष्यों को आशीर्वाद देने के लिए सुबह से देर रात तक व्यास पीठ पर आसीन रहे।

मौके पर पहुंची मानस कोकिला कृष्णा मिश्रा ने आत्म तत्व की मीमांसा करते हुए कहा कि सच्चे गुरु की कृपा से ही आत्म तत्व की प्राप्ति होती है। आत्मा से परमात्मा के मिलन का मार्ग गुरु ही प्रशस्त करते हैं। वहीं पूर्व कुलपति प्रो एके राय ने कहा कि किसी भी तरह के कष्ट में गुरु की ही याद आती है। गुरु अपने शिष्यों के हर तरह के कष्ट हर लेते हैं। इसी दौरान आईपीएस अभय लाल ने कहा कि गुरुदेव में ऐसा आकर्षण है कि लोग दूर-दूर से खिंचे चले आते हैं। 

कॉलेज के विकास के लिए 45 लाख अनुदान की घोषणा

भागलपुर-बांका स्थानीय निकाय से विधान पार्षद विजय सिंह ने बनारसी लाल सर्राफ कॉलेज के विकास के लिए अपने मद से 45 लाख रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि भविष्य में होने वाले ऐसे आयोजनों में गुरुभक्तों और धर्मावलंबियों को ठहरने में दिक्कत न हो, इसलिए कॉलेज में कमरों का निर्माण होना जरूरी है।

दो दिवसीय गुरु पूर्णिमा उत्सव के अंतिम दिन संत महात्माओं का प्रवचन हुआ। उत्सव में शामिल होने कई जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी, साहित्यकार, शिक्षक एवं बुद्धिजीवी आते रहे। आए हुए सभी श्रद्धालुओं के लिए चाय-शरबत, गुरु-प्रसाद और महाप्रसाद की व्यवस्था की गई थी। बिशौनी के मनोज कुमार मिश्र, मदरौनी समिति के डॉ रोशन सिंह, जय नारायण यादव इत्यादि ने कार्यक्रम का संचालन किया।
अंत में धन्यवाद ज्ञापन आयोजन समिति के सचिव डॉ मृत्युंजय सिंह गंगा ने किया।

माधवानंद ठाकुर के नेतृत्व में संगीता ऐसा समा यहां बंधा कि सभी भक्त गुरु की भक्ति में लीन हो गए। भजन सम्राट डॉ हिमांशु मोहन मिश्र दीपक ने आई बहार हंसते-हंसते,  हो आया रामचंद्राचार्य हंसते-हंसते गाकर स्वामी आगमानंद जी के अवतरण की कथा सुनाई। बलवीर सिंह बग्गा और पवन दुबे ने एक से बढ़कर एक भजन गाए। कार्यक्रम समाप्ति के समय माधवानंद ने जैसे ही अभी जाने की जिद ना करो गाया, सभी लोगों के आंखों में आंसू छलक उठे। गायक राजीव सिंह, राजकुमार, अभिजीत आनंद, अर्पण, सुप्रिया, दिव्यांशु कला केंद्र के कलाकारों ने समुद्र मंथन सहित कई ऐतिहासिक प्रसंगों को नाटक के माध्यम से प्रस्तुत किया। 

इस अवसर पर आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रो डॉ उग्र मोहन झा, राव सतवीर सिंह, गीतकार राजकुमार, मान सिंह, पूर्व सांसद अनिल यादव, शैलेश यादव, बिनोद मंडल, रासबिहारी ठाकुर समेत हजारों गणमान्य मौजूद रहे। श्री शिवशक्ति योगपीठ के सैकड़ों कार्यकर्ता के अलावा महाविद्यालय के सभी शिक्षक व कर्मचारी, एनसीसी कैडेट, विभिन्न स्वयंसेवी संगठन के कार्यकर्ता इस आयोजन में लगे रहे।