महर्षि मेहीं परमहंस जी महाराज की 139वीं जयंती आज, कुप्पाघाट से निकलेगी शोभायात्रा
नव-बिहार समाचार, भागलपुर। देश भर में भागलपुर शहर के गंगा तट स्थित महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज की साधना पीठ कुप्पाघाट ने एक अलग ही पहचान बना रखी है। इस पवित्र स्थल पर सभी धर्मों के लोग आकर श्रद्धा- सुमन अर्पित करते हैं। महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज ने आश्रम परिसर में स्थित प्राचीन गुफा में बरसो तक साधना कर मोक्ष की प्राप्ति की थी। परमहंस महाराज का जन्म 28 अप्रैल, 1885 को मधेपुरा जिला स्थित उदाकिशनगंज थाना क्षेत्र के खोखशी श्याम मझुआ में हुआ था। महर्षि मेंहीं का पैतृक घर पूर्णिया जिला के बनमनखी धरहरा में है।
महर्षि मेंहीं का जन्म 28 अप्रैल 1885 को वैशाख शुक्ल पक्ष के चतुर्दशी के दिन मधेपुरा के खोखशी में नाना काशीनाथ दास के यहां हुआ था। इसी मौके पर कुप्पाघाट आश्रम में गुरुवार को महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज की जयंती मनाई जाएगी। जयंती समारोह को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है। इसे लेकर पूरे आश्रम परिसर को रंग बिरंगी लाइटों से सजाया गया है। स्वामी पंकज बाबा ने बताया कि गुरुवार सुबह पांच बजे शोभायात्रा निकाली जाएगी। यात्रा कुप्पाघाट से निकलकर कचहरी चौक, घंटाघर, खलीफाबाग चौक, स्टेशन चौक, नया बाजार आदमपुर, खंजरपुर, मायागंज होते हुए पुन आश्रम परिसर में पहुंचेगी। इसके बाद सुबह 6 बजे स्तुति पाठ और आरती की जाएगी। सुबह 8 बजे संत मेंहीं सद्गुरु निवास में पुष्पांजलि कार्यक्रम शुरू होगा। जिसमें वरिष्ठ महात्माओं की ओर से मेंहीं परमहंस की तस्वीर पर माल्यार्पण किया जाएगा। 11 बजे से प्रसाद वितरण किया जाएगा। दोपहर 2 बजे से भजन कीर्तन, स्तुति विनती शुरू की 'जाएगी। इस दौरान संतमत के आचार्य महर्षि हरिनंदन महाराज और गुरुसेवी भागीरथ दास महाराज अमृत वचन की प्रस्तुति देंगे। स्वामी पंकज ने बताया कि बाहर से आने वाले भक्तों के लिए आश्रम में भोजन व ठहरने की व्यवस्था की गई है। आयोजन को सफल बनाने में महामंत्री दिव्य प्रकाश, कृष्ण यादव, व्यवस्थापक अजय जयसवाल, स्वामी संजीवानंद आदि जुटे हुए हैं।