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तितली तूफान ने दी दस्तक, पेड़ उखड़े और शुरू हुई तेज बारिश

नव-बिहार समाचार। ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तट पर आज गुरूवार की सुबह चक्रवाती तूफान तितली 140-150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के साथ जोरदार बारिश की। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, इस साल बंगाल की खाड़ी में बने सबसे विकराल चक्रवाती तूफान तितली अगले दो घंटे में ओडिशा तट को पार कर जाएगा।

डायरेक्टर ऑफ मौसम केन्द्र भुवनेश्वर को निदेशक एचआर विश्वास ने बताया कि समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया- “बारिश शुरू हो चुकी है और यह अगले एक से दो घंटे में पूरे ओडिशा को पार कर जाएगी।”

एक तरफ जहां ओडिशा के गोपालपुर में हवा की रफ्तार 126 किलोमीटर प्रति घंटा रही तो वहीं दूसरी तरफ आंध्र प्रदेश के कलिंगपट्टनम में हवा की गति 56 किलोमीटर प्रति घंटा दर्ज की गई। जैसे ही चक्रवाती तूफान तितली ओडिशा-आंध्र तट पर पहुंचा ओडिशा के पांच जिलों- गंजम, गजपति, पुरी, खुर्दा, जगतसिंहपुर में तेज हवा के साथ जोरदार बारिश हुई।

तूफान की रफ्तार इतनी ज्यादा है कि गोपालपुर और बेरहामपुर में कई पेड़ उखड़ गए हैं। 'तितली' के ओडिशा और आंध्र प्रदेश की ओर बढ़ने के साथ-साथ प्रशासन मुस्तैद हो गया है। तूफान में होने वाले नुकसान से बचने के लिए अलग-अलग जिलों में एनडीआरएफ 18 टीमें तैनात की गई हैं।  ओडिशा, आंध्र प्रदेश, बंगाल के कई इलाकों में तितली तूफान को लेकर रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है और 3 लाख लोगों को महफूज़ जगहों पर पहुंचाया गया है।

ओडिशा में स्कूल-कॉलेज बंद, सीएम ने लिया हालात का जायजा

मौसम विभाग के समुद्र में ऊंची लहरें उठने के पूर्वानुमान के मद्देनजर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने हालात का जायजा लिया। उन्होंने गंजम, पुरी, खुर्दा, केंद्रपाड़ा और जगतसिंहपुर जिलों के कलेक्टरों से तटीय क्षेत्र में निचले इलाकों में रह रहे लोगों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने को कहा है। उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को भी कहा कि चक्रवात के चलते किसी भी व्यक्ति की जान नहीं जाए और लोगों के लिए चक्रवात आश्रय स्थलों को तैयार रखने को भी कहा।

केंद्र ने 1,000 एनडीआरएफ कर्मी भेजे
केंद्र ने चक्रवात ‘तितली’ के तट की ओर बढ़ने के मद्देनजर स्थिति से निपटने के लिए बुधवार को ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के तकरीबन 1,000 कर्मी भेजे। इसके साथ ही इसने खाद्य सामग्री, ईंधन के भंडारण तथा बिजली आपूर्ति एवं दूरसंचार लाइनों को सुचारू रखने के भी निर्देश दिए। कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति की बैठक में चक्रवात के मद्देनजर तैयारियों पर चर्चा की गई।