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शराब तस्करी: पुलिस कर्मियों की कमी से नहीं कसी जा रही है नकेल

संवेदनशील थानों की लिस्ट सौंपी आइजी को
नव-बिहार न्यूज नेटवर्क, भागलपुर (NNN) : शराब तस्करी के अवैध कारोबार को रोकने के लिए कहने को चाहे जितनी भी कड़ाई की जा रही हो पर काराेबार तो हो ही रहा है. भागलपुर, बांका और नवगछिया पुलिस जिलों में कई थाना क्षेत्रों से होते हुए शराब दूसरे राज्यों से लायी जा रही हैं.

भागलपुर जोनल आइजी सुशील मानसिंह खोपड़े द्वारा तीनों एसपी से रिपोर्ट मांगी गयी. जिसमें पूछा गया कि उनके जिलों में शराब की तस्करी हो रही है या नहीं. अगर हो रही है तो शराब कैसे लायी जा रही. उनका तरीका क्या है. उन्होंने संवेदनशील थानों की लिस्ट भी मांगी थी. भागलपुर, बांका और नवगछिया से आइजी को रिपोर्ट भेजी गयी है जिसमें माना गया है कि शराब की तस्करी जारी है. तीनों जिलों से संवेदनशील थानाें की लिस्ट भी भेजी गयी है जहां से होकर दूसरे राज्यों से शराब लायी जा रही है. 
एसपी द्वारा भेजी गयी रिपोर्टों में कहा गया है कि शराब तस्करों द्वारा इस कारोबार में महिलाओं, मजदूर श्रेणी के लोग और छात्रों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. इसमें यह भी कहा गया है कि इस अवैध कारोबार में शामिल अपराधियों द्वारा दो पहिया, तीन पहिया और चार पहिया वाहनों का प्रयोग किया जा रहा. बांका और नवगछिया से आयी रिपोर्ट में भी कहा गया है कि शराब की तस्करी की जा रही है.
नवगछिया पुलिस जिला द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट के अनुसार भवानीपुर ओपी, रंगरा ओपी, परवत्ता थाना, इस्माइलपुर थाना, गोपालपुर थाना और ढोलबज्जा थाना को शराब तस्करी के लिये संवेदनशील माना गया है. जबकि नवगछिया थाना की पुलिस द्वारा शराब की कई खेप को पकड़ा गया है. इस शराब तस्करी के दौरान कई लक्जरी गाड़ियां भी नवगछिया थाना द्वारा जब्त की गयी हैं. जिसमें टाइगर मोबाइल पुलिस अहम भूमिका निभा रही थी. लेकिन इधर कुछ दिनों से पुलिस कर्मियों की कमी बताते हुए आदर्श थाना नवगछिया के क्षेत्र से टाइगर मोबाइल का अस्तित्व समाप्त कर दिया गया है. जिसके फलस्वरूप नवगछिया क्षेत्र में शराब तस्करी को बढ़ावा मिल रहा है.
अगर देखा जाय तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पूर्ण शराबबंदी के निश्चय का पोल खोलने के लिये यह शराब तस्करी की रिपोर्ट काफी है. गौरतलब है कि इस शराब तस्करी की मांगी और भेजी गयी रिपोर्ट में इसके पूर्ण रोकथाम और बंदी के लिये कोई सुझाव न तो मांगे गये और न ही भेजे गये. जबकि अब तक हो रही शराब तस्करी का मुख्य कारण है पुलिस कर्मियों और संसाधनों की कमी. ऐसी स्थिति में कैसे हो सकती है पूर्ण शराबबंदी या रुक सकती है शराब की तस्करी. हां समय समय पर इसकी खानापूरी जरूर प्रदर्शित की जा सकती है. वह भी तब होता है जब किसी आलाधिकारी का फरमान जारी होता है कि आज शराबबंदी पर कुछ करना है, तो उस दिन कुछ न कुछ शराब की बरामदगी हो ही जाती है. कारण स्पष्ट है कि इस दिन अन्य पुलिस कर्मी अपने अन्य कार्य की जगह इसी कार्य में लग जाते हैं तो सफलता निश्चित मिल ही जाती है. इसी प्रकार यह भी स्पष्ट ही है कि पुलिस कर्मियों की कमी की वजह से शराब तस्करों पर नहीं कसी जा सकती है नकेल और नहीं हो सकती है पूर्ण शराबबंदी.