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नवगछिया में 27 साल बाद दहेज हत्यारे पति को मिली दस साल कारावास की सजा

नव-बिहार समाचार, नवगछिया (भागलपुर): व्यवहार न्यायालय नवगछिया के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम विजय बहादुर यादव की अदालत ने दहेज के लिये मासूम पत्नी की हत्या के अपराध में
शनिवार 22 जुलाई को पति को दस साल कारावास और पांच हजार अर्थदंड की सजा सुनायी है। यह सजा रंगरा चौक सहायक थाना के कुमादपुर निवासी स्व गणेश्वर गोस्वामी के बेटे विनय गोस्वामी को सुनाई गई है।
दहेज हत्या से कुछ दिनों पहले पिता को लिखा गया यातना से संबंधित पत्र

जानकारी के अनुसार दहेज हत्या की यह घटना शादी के लगभग सात महीने बाद ही सात सितंबर 1990 की थी। इससे संबंधित मामला गोपालपुर थाना कांड संख्या 115/90 के तहत दर्ज किया गया था। गोपालपुर पुलिस ने हत्यारे पति को 25 जनवरी 1991 को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा था। जिसे 8 फरवरी 1991 को ही जमानत भी मिल गयी थी। दहेज हत्यारा पति तब से इतने वर्षों तक जमानत पर ही चल रहा था। आखिरकार इस संबंध में न्यायालय का फैसला 27 वर्ष बाद 22 जुलाई 2017 को आया। जिसके तहत अदालत ने भारतीय दंड विधान की धारा 304(B) के तहत 10 वर्ष कारावास और 5 हजार अर्थदंड की सजा सुनायी है। अर्थदंड नही देने पर 6 माह अतिरिक्त कारावास की सजा मिलेगी। 
पत्र का दूसरा भाग

दहेज में टीवी और साइकिल नहीं देने पर विनय गोस्वामी पत्नी को हमेशा यातना देता रहता था। जिस संबंध में दीपा ने अपने पिता को पत्र से सूचित भी किया था। अंततः विनय ने पत्नी दीपा गोस्वामी की हत्या कर शव को गायब कर दिया था। दीपा के पिता नाथनगर थाना क्षेत्र के मधूसुदनपुर निवासी जगदीश गोस्वामी के बयान पर गोपालपुर थाना मे मामला दर्ज किया गया था।