लखनऊ (एन एन एन)। जनधन बैंक खातों के संचालन पर फिलवक्त रोक दिया गया है। केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री संतोष गंगवार ने बताया कि जनधन खातों में अचानक भारी रकम जमा होने की जानकारी मिलने के बाद यह जरूरी कदम
उठाया गया है। इससे काला धन इधर उधर समायोजित करने वालों पर अंकुश लगेगा।
आज लखनऊ में एक कार्यक्रम में शिरकत करने आये गंगवार ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों को यह जानकारी देते हुए बताया कि जांच के बाद रोक हटा दी जाएगी। उन्होंने स्वीकार किया कि नोटबंदी के एलान के बाद उप्र में दस हजार करोड़ रुपये से अधिक रकम को जनधन खातों में खपाये जाने की सूचना है। पश्चिमी बंगाल और राजस्थान में भी बड़ी मात्रा में रकम अचानक जनधन खातों में जमा कराये जाने की पुष्टि हुई है। उक्त खातों की जांच करायी जा रही है।
दोषियों पर जांच के बाद कार्रवाई होगी
गंगवार ने बताया कि जिन बैंकों से लेनदेन में गड़बड़ी करने की शिकायतें मिली हैं, उनकी जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बैंककर्मियों से मिले सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि नोटबंदी से पनपी समस्याएं जल्दी समाप्त हो जाएंगी। गंगवार ने कहा कि नोटबंदी पर विपक्ष की हाय तौबा निहित स्वार्थो के चलते हो रही है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में समस्याएं अधिक नहीं है। अलबत्ता शहरी इलाकों में नए नोटों की किल्लत परेशान कर रही है। इन सबके बाद भी जनता का संयम सराहनीय है। उन्होंने बताया कि 14.5 लाख करोड़ रुपये की पुरानी करेंसी (500 व 1000 के नोट) में से करीब आधी करेंसी ही अब तक जमा हो पायी है। जब ज्यादा करेंसी जमा होगी तब अधिक नई करेंसी जनता को मिलेगी।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि परेशानी गांव के लोगों को नहीं, क्योंकि उनके पास 500 व 1000 रुपये के नोट कम ही होते है। उनका काम 50 व 100 रुपये के नोट से चला करता है। गांव का गरीब जानता है कि मोदी सरकार की नीयत साफ है, उनकी मंशा अच्छी है। जल्द ही 500 रुपये के पर्याप्त नये नोट आएंगे, 31 दिसंबर तक स्थिति सामान्य हो जाएगी।
बिना तैयारी नोटबंदी के आरोप खारिज
गंगवार ने प्रधानमंत्री पर बिना तैयारी नोटबंदी करने के विपक्ष के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव और उसके बाद प्रधानमंत्री लगातार काला धन रोकने के लिए बड़ी कार्रवाई करने की बात कहते रहे हैं। गंगवार ने पहली ही कैबिनेट बैठक में एसआइटी गठन की जानकारी देते हुए कहा कि अपनी आय को स्वयं घोषित करने के लिए सरकार ने योजना चलायी। उन्होंने भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रह्म्ण्यम स्वामी द्वारा वित्त मंत्री अरुण जटेली पर लगाए आरोपों पर टिप्पणी करने से इन्कार करते हुए कहा कि अब देश को कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर ले जाना पड़ेगा, तभी बड़े आर्थिक सुधार हो सकते हैं।