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अवैध शराब निर्माण पर मिलेगा मृत्युदंड

बिहार सरकार जल्द ही एक ऐसा विधेयक पेश करने जा रही है जिसमें अवैध शराब बनाने वालों को मृत्युदंड का प्रावधान किया जाएगा। एक अप्रैल से बिहार में शराब पर पाबंदी लगने के बाद यह कानून भी लागू हो जाएगा।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस ऐलान के बाद बिहार में अवैध शराब बनाने वालों के बुरे दिन आने वाले हैं। सरकार ने आगामी विधानसभा बजट सत्र में इस विधेयक को पेश करने की घोषणा की है। नीतीश सरकार ने हाल में यह घोषणा की थी कि 1 अप्रैल से बिहार में शराब पर पाबंदी लगा दी जाएगी।

सरकार ने यह पाबंदी केवल देशी शराब और भारत में बनने वाली विदेशी शराबों के ऊपर ही लगाया है। इस पाबंदी के बाद शराब बेचने वाली सभी दुकानों को सरकार ने सुधा दूध और उसके उत्पाद बेचने का विकल्प दिया है।

शराब की जगह बेचें दूध

नीतीश कुमार ने बताया, 'अधिकारियों ने मुझे बताया, पूरे राज्य से उनके पास अब तक ऐसे 200 आवेदन आए हैं जो शराब की जगह सुधा दूध के उत्पाद बेचना चाहते हैं।' सुधा डेयरी बिहार सरकार द्वारा संचालित किए जाने वाले राज्य दुग्ध सहकारी निगम का एक उत्पाद है जिसे 'सुधा दूध' के नाम से जाना जाता है।

उन्होंने बताया कि राज्यभर में शराबियों से शराब छोड़ने के लिए प्रेरित करने की दिशा में प्रचार अभियान भी चलाए जा रहे हैं। इसके लिए 40 लाख से ज्यादा स्वयंसेवक घर घर जाकर लोगों से शराब छोड़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं और उनको जागरूक भी कर रहे हैं।

इसके अलावा राज्य के करीब 72 हजार स्कूलों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के परिजनों से यह लिखित रूप में ले लें की वे शराब को हाथ भी नहीं लगाएंगे। नीतीश ने यह भी बताया कि अधिकारी ऐसे शराबियों की पहचान कर उनका ईलाज भी कराएंगे जो इसके आदती हैं।