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भारत में प्रतिबंधित हुआ चाइनीज मोबाइल और दूध

लोकसभा में भोला सिंह एवं कुछ अन्य सदस्यों के पूरक प्रश्नों के उत्तर में आज वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत ने चीन से दूध एवं दुग्ध उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है क्योंकि उनकी गुणवत्ता अस्वीकार्य थी। सीतारमण ने कहा कि वैसे कुछ मोबाइल फोन जिन पर अंतराष्ट्रीय मोबाइल स्टेशन उपकरण पहचान संख्या या अन्य सुरक्षा सुविधाएं नहीं थी। उन्हें भी प्रतिबंधित किया गया है। इसके साथ चीन से कुछ इस्पात उत्पादों के आयात पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।

इतना ही नहीं चीन में बनने वाले मोबाइल फोन की क्वालिटी इतनी अच्छी नहीं होती। वहां उत्पादक किसी प्रकार के जोखम को उठाकर उत्पादकन करते हैं जिससे घटिया उत्पाद तैयार होते हैं और फिर उनसे रेडिएशन का खतरा बढ़ता है। यह रेडिएशन तब और अधिक बढ़ जाता है जब मोबाइल की बैटरी कम हो रही है। एक शोध बताता है कि 15 फीसदी से कम बैटरी होने पर चाइना मोबाइल अधिक रेडिएशन छोड़ता है।

जिसका कारण मुख्य रूप से यह है कि चीन की ओर से भारत को निर्यात मुख्य रूप से दूरसंचार और ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादों का है।

सस्ता बनाने का समझौता

विशेषज्ञों का कहना है कि चीनी उत्पादनकर्ता अपने उत्पाद को कम से कम कीमत में बेचने के लिए असल उत्पाद का वैकल्पिक समाधान खोजते हैं और उन्हें बाजार में सस्ते दामों में बेचते हैं। वे दूध और उससे बने उत्पादों के साथ भी ऐसा ही करते हैं। चीनी उत्पादकों और उनकी तकनीकी को इंटरनेट के द्वारा हासिल कर भारतीय भ्रष्ट कारोबारी भी ऐसा ही कर रहे हैं। वे लोगों की सेहत की जरा भी परवाह नहीं करते।

पूर्ण प्रतिबंध संभव नहीं

वाणिज्य मंत्री ने कहा, 'डब्ल्यूटीओ नियमों के कारण अब किसी देश से आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना संभव नहीं है चाहे उस देश के साथ हमारे राजनयिक, क्षेत्रीय या सैन्य समस्याएं क्यों न हो।' उन्होंने कहा कि चीन के साथ हमारा व्यापार घाटा 2015.16 की फरवरी-अप्रैल की अवधि में 48.68 अरब डालर था जबकि द्विपक्षीय कारोबार 65.16 अरब डालर था। सीतारमण ने कहा कि चीन के साथ हमारा व्यापार घाटा बढ़ा है।