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मंत्री के बेटे ने सिंधिया के स्कूल में लगाई फांसी, वेंटिलेटर पर रखा गया


सिंधिया स्कूल फोर्ट में कक्षा 9 वीं में पढ़ने वाले एक छात्र के फांसी पर लटकने का मामला सामने आया है। छात्र बिहार के सहकारिता मंत्री जय कुमार सिंह का बेटा आदर्श सिंह है। घटना बुधवार की रात आठ बजे की बताई जा रही है। हॉस्टल के कमरे में बेहोशी की हालत में मिलने पर उसे पहले स्कूल के पास स्थित एक निजी स्पताल में ले जाया गया। हालत नाजुक होने पर देर रात  उसे नई दिल्ली के अपोलो अस्पताल के लिए रैफर किया गया। 

जानकारी के मुताबिक 20 अगस्त बुधवार को आदर्श सिंह अपने हॉस्टल में था। रात को आठ बजे होने वाले मेडिटेशन के लिए जब आदर्श अपने रूम से बाहर नहीं आया तो स्कूल का स्टाफ उसके रूम में पहुंचा। रूम में छात्र को बेहोश देख तत्काल सूचना स्कूल के प्रबंधन को दी गई। साथ ही उसे शब्द प्रताप आश्रम स्थित डॉ. सीपी बंसल के अस्पताल ले जाया गया। इसके बाद नाजुक  हालत में उसे गांधी रोड स्थित ग्लोबल हॉस्पिटल ले जाया गया। यहां डॉक्टरों ने दो घंटे तक इलाज किया, हालत में कोई सुधार नहीं होने पर उसे दिल्ली रैफर कर दिया। इसके बाद स्कूल प्रबंधन छात्र को एंबुलेंस से दिल्ली ले गए। अपोलो अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। छात्र की हालत चिंताजनक बनी हुई है।
 
रात में आदर्श ने अस्पताल में खोली आंख, परिजनों की उम्मीद जगी
दिल्ली के अपोलो अस्पताल में आदर्श ने देर रात तीन-चार बार आंखें खोलीं हैं। वह अब भी बोलने की हालत में नहीं है। लेकिन परिजनों की उम्मीद जगी है। मंत्री के नजदीकी अखिलेश ने बताया कि आदर्श का गला दबाया गया है।  उसके गले पर जख्म के गहरे निशान हैं। उधर, पटना में आदर्श के मामा राजीव कुमार का कहना है कि 20 अगस्त की रात स्कूल के वार्डन ने फोन कर उसके बेहोश होने की सूचना दी थी। कहा गया था कि खाने के दौरान आदर्श बेहोश हो गया।
 
सवालों के घेरे में स्कूल प्रबंधन
छात्र की ओर से इस तरह फांसी लगाने का प्रयास किए जाने से स्कूल प्रबंधन सवालों के घेरे में फंसता हुआ नजर आ रहा है। अादर्श ने इस तरह का कदम क्यों उठाया है इसके बारे में स्कूल प्रबंधन ने बोलने से इनकार कर दिया है। इस घटना से पूरे स्कूल में सनसनी फैल गई है, साथ ही दूसरे छात्र दहशत में हैं। परिजन ने छात्र की हत्या के प्रयास का आरोप लगाया है। 

तहसीलदार को सौंपी जांच
कलेक्टर पी नरहरि ने इस घटना की सूचना मिलने पर तहसीलदार अनिल राघव को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है। श्री राघव शुक्रवार दोपहर में स्कूल पहुंचे तो उन्हें यहां पर प्रिंसिपल, पीआरओ व अन्य जिम्मेदार अधिकारी नहीं मिले। प्रिंसिपल ऑफिस के स्टाफ ने बताया कि सभी लोग दिल्ली गए हैं। श्री राघव ने कहा कि वे फिर स्कूल जाएंगे और अफसरों से घटना की विस्तृत जानकारी लेंगे। 

मीडिया को स्कूल के अंदर जाने से रोका
शुक्रवार को मीडिया के प्रतिनिधि जब सिंधिया फोर्ट स्कूल पहुंचे तो सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें गेट पर ही रोक दिया। स्कूल प्रबंधन मामले को दबाने में जुटा रहा। इस दौरान मीडिया के कुछ लोगों के साथ सुरक्षा कर्मियों की बहस भी हो गई। लेकिन प्रबंधन ने मीडिया को स्कूल के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी। स्कूल में किसी भी तरह का विवाद न हो सके। इसके लिए पीसीआर वैन तैनात की गई थी। इस दौरान स्कूल के छात्रों से जब मीडिया के लोगों ने बात की तो छात्र भी डरे सहमे हुए नजर आए। डर के चलते छात्राें ने इस मामले में बोलने से इनकार कर दिया।
 
तीन दिन पहले छात्र ने  मां को फोन कर रूम बदलने के लिए कहा था
परिजनों ने बताया कि आदर्श ने तीन दिन पहले मां को फोन कर बताया था कि कुछ छात्र उसे परेशान कर रहे हैं। इसलिए वह हॉस्टल के जिस रूम में रहता है उसे वह बदलना चाहता है। इसके बाद यह घटना हो गई। परिजनों का आरोप है कि छात्र की हत्या का प्रयास किया गया है। अब स्कूल प्रबंधन उसे फांसी का रूप दे रहा है। सूत्रों के मुताबिक स्कूल का स्टाफ जब रूम में पहुंचा था। उस समय छात्र के गले में चादर लिपटी थी। साथ ही सीलिंग फैन जमीन पर गिरा पड़ा था।
 
रैगिंग या कोई और कारण! 
स्कूल के स्टाफ के मुताबिक कक्षा 9 वीं में पढ़ने वाला छात्र आदर्श सिंह तीन साल से सिंधिया स्कूल में पढ़ रहा है। प्रबंधन के मुताबिक छात्र की पढ़ाई के साथ अन्य एक्टिविटी में भी अच्छी परफॉर्मेंस रही है। हालांकि अब सवाल यह खड़े हो रहे हैं कि छात्र ने ऐसा कदम क्यों उठाया है। क्या छात्र की रैगिंग ली गई या फिर उसे कोई परेशान कर रहा था, जिसके चलते छात्र ने मजबूर होकर ऐसा कदम उठाया है। ज्ञात हो कि दो साल पहले भी एक छात्र ने रैगिंग लेने के आरोप लगाए थे। इसके बाद छात्र के परिजन बच्चे को स्कूल से ले गए थे।
 
कक्षा नौवीं के छात्र ने फांसी क्यों लगाई? इसके कारणों के बारे में मुझे पता नहीं है। छात्र का इलाज दिल्ली में चल रहा है। आदर्श पढ़ने में अच्छा है। स्कूल पहुंचने पर ही विस्तृत जानकारी दे सकूंगा।
-शमिक घोष, प्रिंसिपल, सिंधिया स्कूल

स्कूल प्रबंधन की ओर से छात्र के फांसी लगाए जाने की कोई सूचना नहीं दी गई है। लेकिन इस तरह की खबर सामने आने के बाद स्कूल प्रबंधन को पत्र लिखकर घटनाक्रम की जानकारी मांगी गई है।
-मोहम्मद युसुफ कुरैशी, एएसपी

सिंधिया स्कूल के हॉस्टल वार्डन छात्र को मेरे पास लेकर आए थे। छात्र को उतने देर तक ही मैंने अपने हॉस्पिटल में रखा जितनी देर ग्लोबल हॉस्पिटल से एंबुलेंस लाने में समय लगा।''
-डॉ. सीपी बंसल, संचालक, बंसल नर्सिंग होम

छात्र को बेहोशी की हालत में हॉस्पिटल लाया गया था। छात्र को सांस लेने में तकलीफ होने के कारण उसे वेंटिलेटर पर भी रखा गया। कुछ देर बाद उसे दिल्ली के लिए रैफर कर दिया था।''
-डॉ. सुनील गजेंद्र गडकर, ग्लोबल हॉस्पिटल