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ममता की 'मर्दानी' हिम्मत को हुकूमत का सलाम, मिले एक लाख


मेरठ। सूबे में महिलाओं पर हो रहे जुल्म-ओ-सितम के बीच मेरठ की मर्दानी नई मिसाल बनकर उभरी हैं। अकेले दम कई युवाओं को धूल चटाने वाली ममता के जज्बे की खबर अखबारों की सुर्खियां बनीं तो मेरठ की इस मर्दानी को हुकूमत ने भी सलाम ठोंका है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आदेश पर जिले के आला अफसरान ने ममता यादव के घर जाकर उन्हें एक लाख रुपये का चेक सौंपा। इससे पहले तमाम झिझक को ताक पर रखकर ममता शुक्रवार को मीडिया से मुखातिब हुई और पूरे वाकये को दोहराया।
सिविल लाइन क्षेत्र में मंगलवार को कचहरी पुल के पास पति को बचाने के लिए ममता ने हमलावर युवकों की पिटाई कर डाली थी। यह घटनाक्रम राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बनने पर देश के टीवी चैनलों समेत तमाम मीडिया का मेरठ में जमावड़ा लगा है। सामान्य सी जिंदगी जी रही ममता हाल-फिलहाल कैमरे की चकाचौंध और अखबारनवीसों के सवालों से घिरी हैं। इसके साथ ही, सीएम ने ममता की बहादुरी पर शाम को एक लाख रुपये देने की घोषणा की। शुक्रवार रात आठ बजे एसएसपी ओंकार सिंह, एडीएम सिटी एसके दूबे और एसडीएम तथा सीओ ने घर पर पहुंचकर ममता यादव को एक लाख का चेक दे दिया।
उधर, ममता यादव घटना के तीन दिन बाद शुक्रवार को मीडिया के सामने आई। उन्होंने शताब्दीनगर स्थित अपने घर पर जागरण से बातचीत में पूरी घटना बयां की। ममता ने इस मामले की लिखित शिकायत पुलिस में की है। ममता का कहना है कि वह चाहती है कि हमलावरों को कड़ी से कड़ी सजा मिले, जिससे समाज में संदेश जाए कि ऐसे बदमाशों के सामने हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाने की बजाए उनका सामना करना चाहिए।
डर ने डाल दी थी बेडि़यां:
घटना के बाद से गुमनामी में चले जाने के पीछे की वजह पूछे जाने पर ममता ने कहा कि वह बहुत घबराई हुई थी। उसे डर था कि उनके सामने आने के बाद हमलावर उनके घर तक नहीं पहुंच जाए। इसलिए वह तीन दिन से घर में चुप बैठी थीं। बताया कि वह एलआइसी की एजेंट है और पति कपड़े का व्यवसाय करते हैं।
बड़ी बहन ने दिया साहस:
ममता के साथ बड़ी बहन शशि यादव को जब पूरी घटना का पता चला तो वे दिल्ली से शुक्रवार को मेरठ पहुंचीं और ममता को मीडिया के सामने आने व पुलिस में अपनी ओर से शिकायत देने के लिए तैयार कराया।
युवकों ने की थी अश्लील टिप्पणी:
ममता ने बताया कि बाइक में टक्कर लगने के बाद उनके पति मनीष ने कार चालकों से विरोध जताया तो मनीष को पांच-छह लड़कों ने पीटना शुरू कर दिया। ममता ने वहां तमाशबीन बने लोगों के पास जाकर मदद की गुहार लगाई।
जब कोई मदद को आगे नहीं बढ़ा तो उन्हें ही अपने पति को बचाने के लिए लड़कों से भिड़ना पड़ा। जब वह लोगों से अपील कर रही थी, तो इन युवकों में से कुछ युवक अश्लील टिप्पणियां भी कर रहे थे।
ममता ने कहा कि उनका मकसद सिर्फ अपने पति को बचाना था। तमाशबीन लोगों के बीच घायल अवस्था में ही वे घर लौट आए। ममता ने कहा कि वे विक्टोरिया पार्क स्थित बिजली विभाग कार्यालय में बिल जमा कराने के लिए 23 हजार रुपये लेकर जा रहीं थीं। पैसे तो बच गए, लेकिन पति को बचाने की जद्दोजहद में उनकी चेन टूट गई।
जागरण का आभार जताया:
ममता के साहस की खबर को घटना के पहले दिन दैनिक जागरण ने प्रमुखता से सुर्खी बनाया था। इसके बाद ही पुलिस-प्रशासनिक तंत्र समेत शहर में इस घटना हड़कंप मचा। मामला तूल पकड़ता गया और ममता की मर्दानी राष्ट्रीय स्तर पर छा गई। ममता मीडिया से मुखातिब हुई तो दैनिक जागरण का आभार जताया। बोली कि दैनिक जागरण ने इस घटना की हकीकत को विस्तार से छापा। इससे मेरी हौसलाअफजाई हुई। इसके अलावा तमाम टीवी चैनलों ने भी खबर के प्रसारण के दौरान दैनिक जागरण का नाम लिया।
इनकी सुनिए..
आरोपियों का कहना है कि उनकी और से मारपीट हुई है। छेड़छाड़ का आरोप फर्जी लगाया जा रहा है। इंस्पेक्टर आलोक सिंह का कहना है कि पुलिस अपनी ओर से सही कार्रवाई कर रही है।