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नेपाल में विस्फोट के बाद कोसी का जलस्तर बढ़ा,बिहार में हाई अलर्ट जारी


नेपाली सेना द्वारा किये गये विस्फोट के बाद बिहार में आज कोसी नदी का जलस्तर और बढ़ गया. जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया, विस्फोट के बाद नदी का जलस्तर बढ़ना शुरु हुआ जो प्रवाहित होता हुआ बिहार तक पहुंच गया. हमने कई जगहों पर कोसी नदी के जलस्तर बढ़ने की पहचान की है. मंत्री ने कहा कोसी के जलस्तर में और अधिक वृद्धि होने की संभावना है.
गौरतलब हो कि नेपाल के सिंधु पाल चौक जिले में खैदी चौर के पास हुई भारी बारिश और भूस्खलन के कारण भोट कोसी नदी में भारी मात्र में पानी रुकने से बिहार की कोसी नदी में फिर प्रलय की आशंका पैदा हो गयी है. 
भोट कोसी में उफान से काठमांडू व खैदी चौर इलाके को बचाने के लिए नेपाल प्रशासन ने शनिवार को तीन विस्फोट किये. विस्फोट के बाद कोसी की तेज धारा सुपौल, पूर्णिया, खगड़िया, मधेपुरा, मधुबनी की ओर तेजी से बढ़ना शुरू कर दिया है. आशंका है कि शनिवार की देर रात तक करीब दस लाख क्यूसेक से अधिक पानी राज्य की नदियों में प्रवेश कर जायेगा. 
आपदा प्रबंधन विभाग ने कहा है कि कोसी में 10 मी ऊंची लहर आ सकती है.  विभाग ने खगड़िया, पूर्णिया, सुपौल, मधुबनी व मधेपुरा जिलों को अलर्ट कर  दिया है. सुपौल व कोसी के आसपास के जिलों में तटबंध के क्षेत्रों को खाली करा दिया है.      
सिंचाई मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा  है कि विभाग आस- पास की सभी नहरों को खाली करा रहा है और तटबंधों  के सभी गेट को खोल दिया गया है. हालांकि, सिंचाई विभाग को उम्मीद है कि कुसहा जैसी तबाही इस बार नहीं आयेगी. लेकिन, आपदा प्रबंधन विभाग ने किसी भी स्थिति से निबटने के लिए केंद्र सरकार से सेना की मदद मांगी है.  
जल संसाधन विभाग ने सभी मुख्य अभियंताओं और संबंधित जिला पदाधिकारियों को अलर्ट कर दिया है. जल संसाधन विभाग के सचिव दीपक कुमार सिंह, अभियंता प्रमुख उत्तर और तकनीकी पदाधिकारियों को लेकर सरकारी वायुयान और हेलीकॉप्टर से वीरपुर के लिए रवाना हो गये हैं.
बिहार का शोक के  नाम से चर्चित कोसी नदी एक बार फिर तबाही मचा सकती है.  नेपाल के उत्तर-पूर्व में हुई जबरदस्त बारिश व चट्टान गिरने के कारण शनिवार को भोट कोसी नदी में भारी मात्र में पानी रुक गया जिससे कोसी तटबंध पर खतरा बढ़ गया है. कोसी तटबंध के अंदर रहनेवाली आबादी को खाली करने के निर्देश दिये गये हैं. बिहार सरकार ने आठ जिलों को अलर्ट कर दिया गया है. 
सेना को भी तैयार रहने को कहा गया है. नेपाल का पानी रविवार की सुबह तक बिहार में प्रवेश करेगा. लोगों की जेहन में अब भी 18 अगस्त, 2008 की घटना याद है जब कोसी का कुसहा तटबंध टूटा था व  527 लोगों की मौत हो गयी थी.
- नेपाल ने चट्टान हटाने के लिए किये तीन विस्फोट
- बिहार सरकार ने केंद्र से मांगी सेना की मदद
- भूस्खलन से रुका था भोट कोसी का पानी
- वीरपुर बराज के सभी गेट खोले गये
- 14 घंटे में नेपाल का पानी भारतीय भू-भाग में प्रवेश कर जायेगा
- 10 मी ऊंची लहर उठेगी पूर्वी तटबंध क्रैक होगा
कोसी नदी के वीरपुर में नेपाल की तरफ से 10 मी पानी की लहर उठने की सूचना से प्रशासन में हड़कंप मच गया है. आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने बताया कि नेपाल सरकार ने बताया है कि भोट कोसी में 25 लाख क्यूसेक पानी जमा है. इससे कोसी का पूर्वी तटबंध क्रैक हो सकता है.
मधुबनी, सुपौल, सहरसा के लोग तुरंत ले शिविरों में शरण
 
जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि कोसी तटबंध के भीतर बसे लोगों से अपील है कि वे शीघ्र अपने जिला प्रशासन द्वारा स्थापित शिविरों में जा कर शरण लें. प्रभावित होनेवाले जिलों सुपौल, मधुबनी और सहरसा के जिला पदाधिकारियों को शिविरों में शरण लेनेवालों के लिए आवश्यक सुविधा मुहैया कराने का निर्देश दिया गया है. बचाव एवं राहत कार्य के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की प्रतिनियुक्ति की गयी है.