ताजा समाचार :

6/Posts/ticker posts

बिहार में अपहरण के साजिशकर्ता दंपत्ति गिरफ्तार


बिहार में एक कारोबारी के बेटे को अगवा कर दो करोड़ रुपये की फिरौती मांगने के मामले में दिल्ली पुलिस ने साजशि रचने वाले दंपत्ति को गिरफ्तार किया है। पुलिस से बचने के लिए दोनों दिल्ली-एनसीआर में छिपे थे। आरोपियों की पहचान गिरीश पाठक और अनामिका पाठक के रूप में की गई है। उनके तीन साथियों को पहले ही बिहार पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है, लेकिन वह दोनों बीते चार माह से फरार चल रहे थे।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अशोक चांद ने बताया कि बिहार में एक कारोबारी के बेटे का अपहरण कर दो करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई थी। इस मामले में पटना के कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। छानबीन के दौरान बिहार पुलिस ने तीन अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर बच्चों को सकुशल बरामद कर लिया था लेकिन इस साजशि को रचने वाले दंपत्ति फरार थे। बिहार पुलिस को शक था कि दंपत्ति दिल्ली-एनसीआर में छिपे हैं इसलिए उन्होंने दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा से मदद मांगी।
डीसीपी भीषम सिंह के अनुसार 12 जून को सूचना मिली कि दंपत्ति सराय काले खां बस अड्डे पर आएंगे। इस जानकारी पर एसीपी केपीएस मल्होत्रा की टीम ने छापा मारकर दोनों को गिरफ्तार कर लिया। वह बिहार के भोजपुर जिला निवासी हैं। दोनों की गिरफ्तारी से अपहरण की पूरी साजशि का खुलासा हुआ। ऐसे रची गई साजशिअनामिका कारोबारी के होटल में नौकरी करती थी। वहां उसने कारोबारी का वशि्वास जीतकर अपने पति को उनके परिवार में ड्राइवर की नौकरी दिलवा दी।
गिरीश कारोबारी के परिवार में गाड़ी चलाने लगा। उन्हें इस बात की अच्छी तरह जानकारी थी कि कारोबारी के पास काफी धन एवं संपत्ति है। जल्दी अमीर बनने की चाहत में उन्होंने कारोबारी के बेटे को अगवा करने की साजशि रची। इसमें उन्होंने अपने परिचित युवकों को शामिल कर लिया। फरवरी में किया अपहरणसाजशि के तहत सात फरवरी को गिरीश कारोबारी के बेटे को पटना स्टेडियम खेलने के लिए गाड़ी में ले गया। रास्ते में उसका दोस्त अभिषेक और भाई प्रदीप भी कार में सवार हो गए।
वह कारोबारी के बेटे को अगवा कर बिहार के आरा जिले में ले गए। वहां से उन्होंने उसे छोड़ने की एवज में दो करोड़ रुपये की मांग रखी थी। लेकिन रकम लेने से पूर्व ही पुलिस ने अभिषेक, विनय और प्रदीप को गिरफ्तार कर बच्चों को मुक्त करा लिया था।