तीन बेटियों के पिता एक दिन घर लौटे तो उनके साथ एक ज्योतिषी भी थे। उनसे तीनों के भविष्य के बारे में बताने को कहा गया। ज्योतिषी ने कहा, छोटी दोनों का तो ठीक है, लेकिन बड़ी वाली का कुछ नहीं हो सकता। ये तीखे शब्द बड़ी बेटी को चुभ गए। तपाक से बोली, जाइए आप भी यहीं हैं, मैं भी यहीं हूं। दोनों देखेंगे। ज्योतिषी का तो पता नहीं, लेकिन बड़ी बेटी आज मंत्री बन गई। मोदी कैबिनेट में उन्हें जगह दी गई। मोदी कैबिनेट की वो सबसे युवा मंत्री होंगी। मिलिए, ये हैं स्मृति ईरानी। टीवी के जरिए घर-घर में आदर्श बहू के रूप में पहचान बनाने वाली स्मृति अब भाजपा की तेजतर्रार उपाध्यक्ष के रूप में जानी जाती हैं और अब मोदी सरकार में अहम मंत्रालय संभालने जा रही हैं। मोदी के पीएम बनने के साथ ही स्मृति का कद भाजपा में बढ़ गया है।
ग्लैमर से पहले का संघर्ष
पंजाबी पिता और असमिया मां की बेटी स्मृति का जन्म दिल्ली में 23 मार्च 1976 को हुआ। पिता कुरियर कंपनी चलाते थे। पारिवारिक स्थिति ठीक न होने के कारण स्कूल के बाद पत्राचार से बी-कॉम किया।
स्मृति ने दिल्ली में घूम-घूमकर ब्यूटी प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग की। किसी ने मुंबई में किस्मत आजमाने की सलाह दी।
स्मृति मुंबई आ गईं। 1998 में उन्होंने मिस इंडिया के लिए ऑडिशन दिया। चुन ली गईं। लेकिन पिता ने इसमें भाग लेने से मना कर दिया। आखिर मां ने साथ दिया। स्मृति को दो लाख रुपए भी भिजवाए। वे स्पर्धा के फाइनल तक पहुंचीं, लेकिन जीत नहीं पाईं।
पैसे लौटाने के लिए स्मृति ने नौकरी ढूंढनी शुरू की। जेट एअरवेज में फ्लाइट अटैंडेंट पद के लिए अप्लाई किया। सिलेक्शन नहीं हुआ। कई मॉडलिंग ऑडिशन में रिजेक्ट हुईं । आखिर में मैकडोनॉल्ड्स ज्वाइन किया। तीन महीने खाना परोसा, फर्श भी साफ किया।
टीवी पर भी पहले खारिज हुईं
'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' के ऑडिशन के लिए स्मृति पहुंचीं, तो एकता कपूर की टीम ने उन्हें नकार दिया। लेकिन एकता को स्मृति जम गईं। उन्होंने सबकी राय खारिज करते हुए कहा कि ये ही तुलसी वीरानी होगी।
2000 से 2007 तक तुलसी के किरदार के स्मृति को लगातार सात साल तक इंडियन टेलिविजन अकादमी ने श्रेष्ठ अदाकारा का अवार्ड दिया। जो एक रिकॉर्ड है।
परिवार
जनवरी 2001 में स्मृति ने अपने से दस साल बड़े और आईटी प्रोफेशनल जुबिन इरानी से शादी की। इसी साल उन्होंने बेटे जोहर और सितंबर 2003 में बेटी जोएस को जन्म दिया।
जुबिन की एक बेटी शैनेल उनकी पहली पत्नी मोना ईरानी से भी है। ब्यूटी कॉन्टेस्ट कोऑर्डिनेटर मोना, स्मृति की बहुत अच्छी दोस्त हैं।
बचपन के साथी से हुई शादी
स्मृति और उनके पति जुबिन ईरानी एक दूसरे को बचपन से जानते थे। दोनों की शादी परिवार की सहमति से हुई। स्मृति के पिता पंजाबी थे और मां बंगाली, इसलिए एक पारसी से शादी करने पर उनके परिवार में किसी को कोई आपत्ति नहीं हुई। स्मृति के पति ने उनका हर काम में साथ दिया।
स्मृति कहती हैं कि मेरा करियर तो शादी के बाद ही बना है और ये परिवार के सहयोग के बिना असंभव था।
कंट्रोवर्सी
एक न्यूज चैनल पर बहस के दौरान कांग्रेस सांसद संजय निरुपम ने स्मृति पर अपनी सहेली का घर बर्बाद करने का आरोप लगाया। भाजपा नेताओं ने कई दिनों तक निरुपम के साथ किसी भी बहस में हिस्सा नहीं लिया।
फिलहाल एक्टिंग का इरादा नहीं
स्मृति राजनीति में तो सक्रिय हैं ही, साथ ही वे बड़े पर्दे पर निर्माता और लेखिका के रूप में काम कर रही हैं और वे भविष्य में भी इसे जारी रखेंगीं। फिलहाल एक्टिंग करने के बारे में उनका कोई प्लान नहीं है।