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रेल हादसे में 30 से ज्यादा की मौत संभावित, 50 से ज्यादा घायल, हेल्प लाइन नंबर जारी


उत्‍तर प्रदेश में सोमवार को हुए रेल हादसे में मरने वालों की संख्‍या 40 हो गई है। इसमें 70 से ज्‍यादा लोग जख्‍मी भी हुए हैं। नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट सचिव से बात कर घायलों को राहत पहुंचाने के लिए कहा है।
 
हादसा सोमवार की सुबह करीब 10.30 बजे बस्ती और गोरखपुर के बीच चुरेब स्टेशन के पास हुआ। लखनऊ से गोरखपुर जा रही गोरखधाम एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी एक ही ट्रैक पर आ गई और दोनों में टक्कर हो गई। हादसे के घटना के डेढ़ घंटे बाद भी रेल प्रशासन की ओर से कोई राहत अभियान नहीं चलाया गया था। आसपास के ग्रामीणों की मदद से ट्रेन में फंसे शवों को निकाला गया। कुछ देर बाद राहतकर्मी पहुंचे।   
 
ड्राइवर की बात
गोरखधाम एक्सप्रेस के असिस्टेंट लोको पायलट कुमार रवि रंजन की हादसे में मौत हो गई, लोको पायलट लक्ष्मी नारायण की एक टांग कट गई, जबकि दूसरे में फ्रैक्चर हुआ है। ड्राइवर लक्ष्मी नारायण पुरी लखनऊ के कृष्णा नगर के रहने वाले हैं। उनकी पत्नी और बच्चे गोरखपुर पहुँच गए हैं। ड्राइवर पुरी के अनुसार - जब मै मुंडेरवा स्टेशन से चुरेब स्टेशन की ओर बढ़ा तो सारे सिग्नल ग्रीन मिले, चुरेब से पहले मुझे दूर से मुझे लग रहा था कि कोई ट्रेन दुसरे ट्रैक पर चल रही है मै जैसे ही पॉइंट पर पहुंचा तभी खट से आवाज आई और मेरी ट्रेन का ट्रैक चेंज हो गया। मुझे याद है कि बेहोश होने से पहले मैंने इमरजेंसी ब्रेक दबाये थे।
 
जानकारी के मुताबिक, गलत सिग्नल मिलने की वजह से गोरखधाम एक्सप्रेस और मालगाड़ी एक ही ट्रैक पर आ गईं। हादसे में ट्रेन की तीन जनरल बोगियां बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं और छह डिब्बे बे-पटरी हो गए। हादसे के बाद चुरेब स्‍टेशन मास्‍टर डीडी पांडेय फरार हो गए हैं। 
 
कैसे हुआ हादसा 
रेलवे के डाटा लॉगर से जो तथ्य सामने आए हैं, उसके अनुसार ड्राइवर को सभी सिग्नल ग्रीन मिले थे। ट्रेन को मेन लाइन से बिना रुके निकलना था। इसलिए लोको पायलट ने ट्रेन की गति धीमी नहीं की। ट्रेन चुरेब स्टेशन पर अचानक मेन लाइन से हटकर लूप लाइन पर चली गई। जानकारी के मुताबिक, स्टेशन मास्टर ने लूप लाइन पर प्‍वांइट सेट कर रखा था। इसके कारण ट्रेन लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी से जा टकराई। 
 
शुरुआती सूचना में रेलवे ने आशंका जताई थी कि गोरखधाम के लोको पायलट ने सिग्नल ओवरशूट किया। मालगाड़ी को लूप लाइन पर खड़ा होना था, लेकिन उसे मेन लाइन पर खड़ा कर दिया गया। इस बीच गोरखधाम एक्सप्रेस लगभग 100 किमी प्रति घंटे के रफ्तार से गुजरी। लोको पायलट ने यह मानते हुए कि लाइन क्लियर है, रेड सिग्नल को नजरअंदाज किया और गोरखधाम एक्सप्रेस सीधे मालगाड़ी से जा टकराई।
 
राहत-बचाव
 
हादसे की जानकारी मिलते ही गोरखपुर और गोंडा से एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेनें रवाना की गईं।गोरखपुर हेडक्वार्टर से अधिकारियों की टीम और लखनऊ से डीआरएम अनूप कुमार भी दुर्घटनास्थल के लिए रवाना हो गए।
 
लखनऊ में डीआरएम ऑफिस के कंट्रोल रूम में आपात बैठक बुलाई गई। यहां से रेस्‍क्‍यू और रिलीफ ऑपरेशन मॉनिटर किया जा रहा है। बस्‍ती, खलीलाबाद और गोरखपुर से प्रशासन ने घटनास्थल के लिए मेडिकल टीमें रवाना कर दी हैं।
 
सीएम के निर्देश पर यूपी के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री अहमद हसन हेलिकॉप्‍टर से दुर्घटनास्‍थल पहुंचे। एसएसबी के तीन प्‍लाटून को रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन के लिए लगाया गया है।
 
हेल्पलाइन नंबर-
 
लखनऊ- 0522-2288890, 0522-2635639, 09794830974
कानपुर- 0512-2323015, 0512-2323016, 0512-2323018
गोरखपुर- 0551-2204893
गोण्डा-  05262-222330
बस्ती-  05542-285515
फैजाबाद- 05278-220284
बाराबंकी- 05248-221680
हिसार- 01662-272953
भिवानी- 01664-243565
बीकानेर- 0151-2544764
नई दिल्ली- 011-23341074