नवगछिया अनुमंडल अंतर्गत इस्माइलपुर प्रखण्ड के जयमंडल टोला में अखिल भारतीय अंगिका साहित्य विकास समिति के 23 वां अंगिका स्थापना दिवस का उद्घाटन शनिवार को अंग उत्थानान्दोलन समिति बिहार झारखंड के संस्थापक सह केन्द्रीय अध्यक्ष गौतम सुमन, ध्वनि वैज्ञानिक डॉ. रमेश मोहन शर्मा आत्म विश्वास, कवि श्रवण बिहारी, गुलशन कुमार आदि सदस्यों ने संयुक्त रूप से मिलकर दीप प्रज्वलित कर किया।
समारोह की अध्यक्षता कर रहे डॉ. ब्रहमदेव ब्रह्म ने अपने कविता के माध्यम से कहा कि कविता से एक अच्छे समाज का निर्माण होता है। वही डॉ0 आत्म विश्वास के 64 जन्म दिवस पर आयोजित अंगिका दिवस पर समिति की ओर से कुल गीतकार आमोद कुमार मिश्र को महर्षि जहनू अंग शिखर सम्मान, डॉ. जयंत जलद को महाप्रभु अनन्त दास अंगभाषा सम्मान, हीरा प्रसाद हरेन्द्र को भागीरथ बाबा अंग साहित्य सम्मान, सुधीर कुमार प्रोग्रामर को दानवीर कर्ण अंग फेलोशिप सम्मान एवं हिन्दुस्तान के वरीय पत्रकार संजीव चौरसिया तथा दैनिक जागरण के पत्रकार दीप नारायण सिंह दीपक को तिलकामांझी अंग सेवा सम्मान प्रशिस्ती पत्र एवं अंग वस्त्रम देकर सम्मानित किया गया।
इस मौके पर उद्घाटन कर्ता गौतम सुमन ने कहा कि कवियों के प्रति बिहार झारखंड सरकार उदासीनता अपेक्षा एवं सौतेलेपन व्यवहार की सारे हदे पार कर दी है। जो अब बर्दाश्त नही होता है। बिहार झारखंड के 21 अंगजनपदों को लोक भाषा अंगिका को आखिर क्यों नही। उनका वाजिब सम्मान अधिकार दिया जा रहा है। वही उन्होंने कला संस्कृति एवं युवा विभाग की ओर से चौदह फरवरी को पटना में आयोजित साहित्योत्सव में अंगिका भाषा के साहित्कारो को आंमत्रित नही किये जाने तथा अंगिका भाषा को शामिल नही किये जाने की कड़ी निन्दा करते हुये कहा कि चौदह फरवरी को आक्रोश दिवस मनाने का फैसला लिया है। इस अवसर पर आत्मविश्वास ने संबोधित करते हुए कहा कि अंगिका भाषा को सर्वे कराने के लिये मुख्य संयोजक बनाया गया है। वही उन्होंने कहा कि संविधान की आठवीं अनुसूची में अंगिका भाषा का नाम दर्ज किये जाने का प्रयास किया जायेगा।
मौके पर विशिष्ट अतिथि संजय योगेन्द्र कुमार कर्मयोगी, बीरवल दास, मंच संचालक श्रवण बिहारी आदि साहित्यकारों ने कहा कि समाज के हर वर्ग के लोगों कवि और साहित्यकारों का ऋणी होता है। जहां मनोज कुमार माही, विनय कुमार दर्शन, सूर्यनारायण मंडल, उपेन्द्र शर्मा, आदि कवियों ने अपनी रचनाओं को सुनाया।