बिहार में बीजेपी और लोकजनशक्ति पार्टी के बीच गठबंधन तय हो गया है। राज्य में एलजेपी 8 और बीजेपी 32 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी गुरुवार को दिल्ली आ रहे हैं। रामविलास पासवान की उनसे मुलाकात के बाद गठबंधन का औपचारिक ऐलान किया जा सकता है।
गुजरात
दंगों के खिलाफ वाजपेयी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले लोकजनशक्ति
पार्टी अध्यक्ष रामविलास पासवान को अब नरेंद्र मोदी में भविष्य नजर आ रहा
है। उनकी पार्टी ने आरजेडी से गठबंधन तोड़ लिया है। बुधवार को पार्टी के
संसदीय बोर्ड की बैठक में पासवान को नए गठबंधन का फैसला करने का अधिकार दे
दिया गया।
पासवान
ने कहा कि एलजेपी को पुराने गठबंधन में कोई सम्मान नहीं मिल रहा था। हमारी
आरजेडी से काफी शिकायतें रही हैं। हमने सोनिया गांधी, सीपी जोशी से
मुलाकात की। हमने उनसे जल्द से जल्द गठबंधन की बात कही। लेकिन हमें लगा कि
उनमें गंभीरता नहीं है। एलजेपी छोटी पार्टी है और उसे तैयारी के लिए समय
चाहिए। मैं 6 महीने से परेशान था कि कुछ बात आगे बढ़े।
सूत्रों
के मुताबिक पासवान ने बीजेपी का हाथ थाम लिया है। गठबंधन के तहत बिहार में
8 सीटें एलजेपी और 32 सीटें बीजेपी के हिस्से आएंगी। हाजीपुर से राम विलास
पासवान, समस्तीपुर से उनके भाई रामचंद्र पासवान और जमुई से उनके बेटे
चिराग पासवान चुनाव लड़ेंगे।
एलजेपी
को अपना स्वाभाविक सहयोगी मानकर चल रही कांग्रेस के लिए य़े खबर परेशान
करने वाली है। पार्टी नेता शकील अहमद ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण होगा अगर
पासवान जी जिन्होंने मोदी को सीएम पद से ना हटाए जाने पर इस्तीफा दिया था
वो मोदी को पीएम बनने में सहयोग करेंगे। जो धारणा बनी है उसका तो फर्क
पड़ेगा ही पासवान के मोदी के पास जाने से।
वैसे,
कुछ दिन से ऐसी खबरें आ रही थीं कि भर्ती घोटाले को लेकर सीबीआई पासवान से
पूछताछ कर सकती है। बीजेपी का आरोप है कि ऐसा पासवान पर दबाव बनाने के लिए
किया गया। लेकिन कांग्रेस ने इससे इनकार किया है।
इस
गठबंधन में दोनों ही पार्टियों को फायदा नजर आ रहा है। पिछले चुनाव में एक
भी सीट नहीं जीतने वाली एलजेपी को लगता है कि मोदी लहर में उसका भी खाता
खुल सकता है। तो बीजेपी को लग रहा है कि वो ये संदेश दे सकेगी कि साथियों
के मामले में नरेंद्र मोदी अब अछूत नहीं हैं।