राजनीति की चाल शतरंज की चाल से भी ज्यादा शातिर होती है। इसके दावपेच समझना बहुत मुश्किल है। कुछ ऐसे ही दावपेच भाजपा के राजनैतिक शतरंज पर भी दिख रहे हैं। भाजपा की रणनीति अब बिहार के मुस्लिम वोट बैंक को हासिल करने की है। यूं तो लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए नरेंद्र मोदी हिंदु मतों को खींचने वाला चुबंक है लेकिन भाजपा के लिए लोकसभा चुनाव में जीत तब तक संतुष्टीदायक नहीं होगी जब तक इस जीत में उसे अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदायों का भी समर्थन नहीं मिलेगा. ऐसे में यह एक विचारणीय मुददा बन जाता है कि आखिर भाजपा बिहार के मुसिलम वोट बैंक को जीतने के लिए पार्टी के किस सदस्य को हथियार बनाएगी। चर्चा सुर्खियों में है कि शायद शहनवाज़ हुसैन भाजपा को वो लकी कार्ड बन सकते हैं जो पार्टी को बिहार में मुस्लिम समुदाय का समर्थन हासिल करा सके। शहनवाज़ हुसैन पार्टी के युवा नेता हैं जो पूर्वोत्तर बिहार की लोकसभा सीट पर भाजपा के दावेदार हैं और मुसिलम समुदाय के बीच विशेष लोकप्रिय भी. ऐसे में यदि पार्टी शहनवाज़ हुसैन को नीतिश कुमार के प्रतिद्वंदी के रुप में बिहार में उतारती है तो राजनीतिक विश्लेषकों द्वारा कयास लगाए या रहे हैं कि यह कदम पार्टी के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
शहनवाज़ हुसैन का हंसमुख आत्मविश्वास से भरा चेहरा और मिलनसार नेचर किसी से छिपा नहीं है. ऐसे में उनके व्यक्तित्व का यह पहलु बिहार में मुसिलम वोट का रुख पार्टी के पक्ष में कर सकता है। भाजपा के पूर्व नेता गिरीराज सिंह का कहना है कि शहनवाज़ हुसैन को बिहार का मुख्यमंत्री बनाने का विचार अतार्किक नहीं है. क्योंकि उनमें मुख्यमंत्री बनने की सारी काबिलियत है. शहनवाज़ वो युवा चहेरा है जिसे अटल जी भाजपा में लेकर आये। वो न केवल मुस्लिम समुदाय के बीच बलिक सभी समुदायों में लोकप्रिये हैं। परन्तु अभी शहनवाज़ जी के चुनाव का मुददा केवल एक चर्चा का विषय है। पार्टी ने इस बारे में कोई औपचारिक सूचना नहीं दी है और शहनवाज़ भी खुद को लोकसभा चुनाव की इस रेस से बाहर ही रखते हैं। इस विचार को फैसले का रुप देने के लिए पार्टी के शीर्ष नेताओं का समर्थन जरुरी है। पर अभी इस विचार पर पार्टी का रुख साफ नज़र नहीं आ रहा। प्रसिद्ध राजनीतिक विश्लेषक एनके चौधरी का कहना है कि भाजपा जनता के सामने अपनी एक स्वस्थ धर्मनिरपेक्ष छवि बनाना चाहती है और वो अपनी इस छवि के द्वारा ही मुसिलम अल्पसंख्यकों का मत हासिल करना पार्टी का लक्ष्य है। ऐसे में पार्टी द्वारा शहनवाज़ हुसैन को बिहार क¢ सी.एम पद के लिए बतौर उम्मीदवार उतारने की संभावना नजर आती है। पर अब भी भाजपा का गेम प्लान क्या है यह स्पष्ट नहीं हुआ है, लेकिन फिर भी इस मुसिलम अल्पसंख्यक और भाजपा का समीकरण कुछ इस प्रकार स्पष्ट होता है।
बिहार के समस्तीपुर के एक छोटे से गांव बुजुर्ग द्वार में पले बढ़े शहनवाज गांव के ही प्राथमिक स्कूल में पढ़ते थे। स्कूल से कॉलेज तक के सफर के दौरान उन्होंने इंजीनियर बनने का सपना बुना और इंजीनियरिंग में डिप्लोमा भी लिया, लेकिन जयप्रकाश नारायण के जीवन से प्रेरित होकर राजनीति में आ गये।